जयपुर.पर्यटन नगरी आमेर का विश्व पटल पर स्वर्णिम इतिहास है. यहां के कई प्राचीन और ऐतिहासिक स्थल पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं. आमेर महल के साथ ही यहां की वादियों के बीच बनी प्राचीन बावड़ियां, मंदिर और किले पर्यटकों को लुभा रहे हैं. आमेर में करीब एक दर्जन से अधिक प्राचीन बावड़ियां यानी कुंड बने हुए हैं जिनमें पन्ना मिया कुंड अपनी खास पहचान रखता है. अपनी खास बनावट और कुंड में हमेशा पानी भरा होने के कारण यह पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. आमेर के सागर रोड पर स्थित पन्ना मिया कुंड को पन्ना मीना कुंड के नाम से भी जाना जाता है.
आज यह जयपुर के बेहद पसंद किए जाने वाले टूरिस्ट स्पॉटों में से एक है. यहां स्थान हमेशा पर्यटकों से गुलजार रहता है. इसके साथ ही यहां कई फिल्मों की शूटिंग भी हुआ करती हैं. कुंड पर शांति और सौंदर्य लोगों को बरबस ही अपनी ओर खींच लाता है. यहां का मनोरम दृष्य देखने के लिए रोजाना काफी संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं. पर्यटक यहां फोटोग्राफ्स और वीडियो भी शूट करते हैं.
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इंस्टा लवर्स और प्री वेडिंग शूट के लिए बेस्ट डेस्टिनेशन है यह कुंड
इंस्टा लवर्स रील्स बनाने के लिए रोजाना लोग यहां पहुंचते हैं. इसके साथ ही प्री-वेडिंग शूट के लिए भी पन्ना मीना कुंड लोगों का पसंदीदा स्थल बना हुआ है. देशभर से लोग प्री वेडिंग शूट के लिए पन्ना मीना कुंड पहुंचते हैं. कुंड के अंदर भूल भुलैया की तरह सीढ़ियां बनी हुई हैं, जो अपने आप में अद्भुत है. हालांकि पन्ना मियां बावड़ी के अंदर उतरना मना है, क्योंकि पानी भरा होने के कारण दुर्घटना होने की भी संभावना रहती है.
ऐसे में सुरक्षा के लिए कुंड पर होमगार्ड तैनात किए गए हैं. प्री वेडिंग शूट और फिल्मों की शूटिंग के लिए पहले पुरातत्व विभाग से अनुमति लेनी पड़ती है. बिना अनुमति के शूटिंग करने की अनुमति नहीं है. हालांकि पर्यटकों के लिए मोबाइल में फोटो खींचने पर पाबंदी नहीं है. रोजाना काफी पर्यटक पन्ना मिया कुंड पर फोटोग्राफी के लिए आते हैं.
पन्ना मिया कुंड का इतिहास
इतिहासकार देवेंद्र कुमार भगत ने बताया कि आमेर में सागर रोड पर पन्ना मिया कुंड बना हुआ है. पन्ना मियां कुंड को पन्ना मीना कुंड भी कहा जाता है लेकिन वास्तविक नाम पन्ना मियां कुंड है. पन्ना मिया असल में नादर यानी किन्नर थे जो जनानी ड्योढ़ी में रानियों के निजी काम और सेवा का काम करते थे. पन्ना मिया को महाराजा बिशन सिंह आगरा से लेकर आए थे. पन्ना मिया ने ही पन्ना मिया कुंड बनवाया था. बाद में कुंड का नाम पन्ना मीना कर दिया गया है. आमेर के इतिहास में पन्ना मीना नाम का कोई व्यक्ति नहीं हुआ करता था. इतिहास में नादरों की ओर से कई मंदिर, कुंड और हवेलिया बनवाईं गईं थीं. जयपुर के चौगान स्टेडियम के सामने भी नादरों का मंदिर है.
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