जयपुर. पंचायत चुनाव के नतीजों में गहलोत सरकार के श्रम मंत्री टीकाराम जूली (Labor Minister Tikaram Julie) और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) समर्थक 11 विधायकों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. चुनाव परिणाम मंत्रियों और विधायकों के लिए खासे मायना रखता है क्योंकि मंत्रिमंडल (cabinet) के फेरबदल होने पर विधायकों को पार्टी की जीत पर मंत्री बनने का इनाम मिल सकता है.
अलवर और धौलपुर में 492 पंचायत समिति (Panchayat committee) और 72 जिला परिषद सदस्यों के लिए मतगणना शुरू हो चुकी है. चुनावी नतीजे केवल प्रधान और प्रमुख किस पार्टी का बनता है. यही तय नहीं करेंगे, बल्कि जीतने पर विधायकों को मंत्री बनने का इनाम मिल सकता है. इसिलए पंचायत चुनाव के नतीजे खासे मायने रखते हैं. कांग्रेस पार्टी ने अपने सभी जिला परिषद (District Council) और पंचायत समिति सदस्यों को विधायकों की देखरेख में बाड़ेबंदी में रखा है.
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कांग्रेस पार्टी के लिए जीत कितनी जरूरी है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है, की बागी और निर्दलीय चुनाव जीतने वाले सदस्यों को पार्टी गले लगाने के लिए तैयार है. चुनाव में हारने वाले जिला परिषद और पंचायत समिति के प्रत्याशियों को बाड़ाबंदी से मुक्त कर दिया जाएगा. जबकि जितने वाले प्रत्याशी 31 अक्टूबर तक बाड़ाबंदी में रहेंगे, जो उप जिला प्रमुख और उप प्रधान का चुनाव करने के बाद ही घर लौटेंगे.
जिला प्रमुख बनने पर मिल सकता है वफादारी का इनाम
जिला परिषद और पंचायत समिति सदस्यों की मतगणना में हार-जीत का फैसला शाम तक साफ हो जाएगा. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समर्थित (Ashok Gehlot) कुल 11 विधायकों और एक मंत्री प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. पंचायत चुनाव के परिणाम से तय होगा कि अलवर और धौलपुर जिले से किस विधायक को मंत्री बनाया जाएगा.