जयपुर.पंचायत राज विभाग और शिक्षा विभाग के बीच अहम कड़ी निभा रहे 27 हजार पंचायत सहायक एक बार फिर दिवाली पर बिना मानदेय के ही गुजारा करने के लिए मजबूर होंगे. प्रदेशाध्यक्ष नरेंद्र चौधरी का कहना है कि तमाम पंचायत सहायकों को तीन से लेकर सात महीने के मानदेय का भुगतान नहीं किया जा रहा है. मानदेय का भुगतान नहीं होने का कारण सरकार के पास बजट की कमी को बताया जा रहा है.
चौधरी ने कहा कि एक तरफ सरकार पंचायत सहायकों को नियमित करने की बात कह रही है. दूसरी तरफ वक्त पर मानदेय भी उपलब्ध नहीं करवा पा रही है. ऐसी स्थिति में पंचायत सहायक केवल आश्वासन के भरोसे अपनी जिंदगी गुजार रहे हैं. प्रदेशाध्यक्ष नरेंद्र चौधरी का कहना है कि सरकार समय रहते विद्यार्थी मित्र पंचायत सहायकों की मांगों और समस्याओं का समाधान करे और नियमितीकरण का रास्ता निकाल ले. वरना मजबूर होकर एक बार फिर से आंदोलन की राह पकड़नी पड़ेगी.