जयपुर. दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन का समर्थन करने महाराष्ट्र से सैकड़ों किसान राजधानी जयपुर में पहुंचे, जहां धोबी घाट के पास स्थित गुरुद्वारे में भोजन करने के बाद दिल्ली के लिए रवाना हुए. इस आंदोलन में हिस्सा लेने के लिए महाराष्ट्र में आत्महत्या करने वाले किसानों के परिवारजन भी पहुंचे हैं.
महाराष्ट्र में आत्महत्या करने वाले किसानों का परिवार महाराष्ट्र में आत्महत्या करने वाले किसानों के बच्चे और पत्नियां भी किसानों के समर्थन में खड़ी नजर आईं. आत्महत्या करने वाले किसानों के मासूम बच्चों ने ईटीवी भारत से खास साथ बातचीत के दौरान गीत के माध्यम से देशभर के किसानों को संदेश भी दिया. मासूम बच्चों की आवाज में अपनों को खोने का दर्द छलक रहा था. बच्चों ने गीत के माध्यम से संदेश दिया कि किसानों को आत्महत्या जैसा कदम नहीं उठाना चाहिए.
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किसान की मासूम बेटी ने गीत के जरिए संदेश दिया कि जहर खाकर नहीं मरना चाहिए, अपनों को खो देने से परिवार की स्थितियां काफी खराब हो गई हैं. महाराष्ट्र में आत्महत्या करने वाले करीब 35 किसानों के परिवार जन आंदोलन में शामिल होने पहुंचे हैं. आत्महत्या करने वाले किसानों की पत्नियों ने कहा कि घर की आर्थिक स्थिति बहुत खराब है, परिवार को काफी संकटों का सामना करना पड़ रहा है.
महाराष्ट्र में आत्महत्या करने वाले किसानों का परिवार महाराष्ट्र के किसान शिरसागर ने बताया कि किसान आंदोलन में हिस्सा लेने के लिए और पूरे देश के किसानों के साथ अपना दर्द बांटने के लिए महाराष्ट्र से जो आत्महत्या ग्रस्त परिवार है, उन परिवार के 35 प्रतिनिधि यहां पर पहुंचे हैं. उनका कहना है कि उनके परिवार जिस तरीके का दुख झेल रहे हैं, उस तरीके का दुख झेलने की नौबत इस देश के किसानों पर कभी ना आए, इसलिए केंद्र सरकार ने जो गलत कानून बनाया है, उसको तुरंत रद्द कर देना चाहिए.
किसान आंदोलन में शामिल होने के लिए महाराष्ट्र से आए किसान यह भी पढ़ेंःउदयपुर-अहमदाबाद नेशनल हाईवे पर भीषण सड़क हादसा, एक व्यक्ति की मौत, 2 घायल
उन्होंने कहा कि इन आत्महत्या ग्रस्त परिवारों का पुनर्वास किया जाए, उनको अच्छी तरीके से जिंदगी जीने का हक मिले, जिस तरीके से देश की सेना के जवान सीमा पर स्थित होते हैं, उस तरीके से यह किसान खेती में काम करते-करते शहीद हो चुके हैं. मासूम बच्ची ने गीत के जरिए कहा कि उसने अपने पिता को भी नहीं देखा है. बच्ची अपने पिता से कहती है कि आप जहर मत खाइए. यह बड़ा कष्टदायक वक्त है, ऐसे कई सारे बच्चे दर्द झेल रहे हैं. महाराष्ट्र से आये किसानों ने मांग की है कि केंद्र सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस ले. जब तक सरकार किसान कृषि कानूनों को वापस नहीं लेगी, तब तक किसान आंदोलन करते रहेंगे.