जयपुर.राजस्थान में कोरोना केस लॉकडाउन के बाद लगातार कम हो रहे हैं. जहां पहले 15 से 18 हजार के बीच रोजाना नए केस सामने आ रहे थे उनकी संख्या घटकर अब 6 से 7 हजार के बीच पहुंच गई है. एक्टिव केसों की संख्या भी घट रही है. लेकिन जब कोरोना की दूसरी लहर राजस्थान में पीक पर थी तब अस्पताल ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे थे. जिसके बाद गहलोत सरकार ने सीनियर आईएएस रवि जैन को नोडल अधिकारी नियुक्त कर प्रदेश के अस्पतालों में ऑक्सीजन सप्लाई की जिम्मेदारी सौंपी. आईएएस रवि जैन ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. जिसमें उन्होंने वर्तमान में राजस्थान में ऑक्सीजन की स्थिति को लेकर बात की.
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रवि जैन ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर जब पीक पर थी तो राजस्थान में ऑक्सीजन की कमी बनी हुई थी. रोजाना 16 हजार सिलेंडर की खपत हो रही थी. लेकिन बीते कुछ दिनों में केसों में कमी आई है और ऑक्सीजन सप्लाई की किल्लत को भी कंट्रोल में कर लिया गया है. उन्होंने बताया कि अब राजस्थान में रोजाना 10 हजार ऑक्सीजन सिलेंडर की खपत हो रही है.
भविष्य में ऑक्सीजन की कमी कैसे दूर होगी
भविष्य में ऑक्सीजन की कमी ना हो इस दिशा में क्या कदम उठाए जा रहे हैं. इस सवाल पर रवि जैन ने कहा कि इस दिशा में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. राजस्थान में इस समय 2 तरीके से ऑक्सीजन का उत्पादन किया जा रहा है. पहला सीधे हवा से एयर सेपरेशन के माध्यम से और दूसरी लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन बनाई जा रही है. ऐसे में इस समय सबसे ज्यादा जरूरी एयर सेपरेशन ऑक्सीजन है, इसको लेकर राजस्थान के सभी बड़े अस्पतालों को पत्र भी लिखा गया है कि वो अपने अस्पताल परिसर में प्लांट लगाएं. ताकि कोरोना की तीसरी लहर के समय ऑक्सीजन की कमी ना हो.