जयपुर.गुलाबी नगरी के सबसे बड़े और महत्वाकांक्षी द्रव्यवती नदी प्रोजेक्ट को लेकर जेडीए और सरकार की गंभीरता दिखाई नहीं पड़ती. बीजेपी सरकार ने प्रोजेक्ट को लेकर जो दावे किए थे, वो फिलहाल धराशाई हो गए हैं. 47 किलोमीटर के प्रोजेक्ट में से केवल 16 किलोमीटर के काम का उद्घाटन हो पाया है. हालांकि 10 फीसदी काम अधूरा होने की बात की जाती है, लेकिन ये काम कब तक पूरा होगा, इसकी कोई डेडलाइन नहीं बताई जाती.
ऐसे में आलम ये है कि बीते दो साल में द्रव्यवती नदी एक बार फिर गंदी बदबूदार बन गई है. भले ही यहां पांच सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाए गए हों, लेकिन क्षमता से ज्यादा आवक होने के चलते सीवरेज का गंदा पानी सीधे नदी में छोड़ दिया जाता है. यही नहीं सैकड़ों फैक्ट्रियों का केमिकल युक्त पानी भी सीधे नदी में गिरता है. इसके अलावा देहलावास में फिलहाल दो एसटीपी 62.5-62.5 एमएलडी के बने हुए हैं. इनमें से एक को बंदकर अपडेट किया जा रहा है. यहां आवक 200 एमएलडी पानी की है, लेकिन 62.5 एमएलडी पानी ही साफ हो रहा है. बाकी पानी सीधे द्रव्यवती नदी में छोड़ा जा रहा है.
हालांकि जेडीसी गौरव गोयल का तर्क है कि जयपुर शहर का सीवरेज तंत्र द्रव्यवती नदी प्रोजेक्ट में शामिल पांच सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से जोड़ा गया है. इसके साथ ऑपरेशन मेंटेनेंस और द्रव्यवती नदी की नियमित सफाई के मैकेनिज्म का भी प्लान कांट्रेक्टर फर्म द्वारा तैयार किया जा रहा है.