जयपुर.राजस्थान वानिकी और वन्य जीव प्रशिक्षण संस्थान के सभागार में बुधवार को नम क्षेत्र और पक्षी संरक्षण विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस कार्यशाला में नम क्षेत्र के संरक्षण के पक्षियों को बचाने पर चर्चा की गई. साथ ही वन एवं पर्यावरण मंत्री सुखराम बिश्नोई ने जनता से अपील की कि पतंगबाजी में चाइनीज मांझे उपयोग न करें.
कार्यशाला में प्रधानमंत्री सुखराम बिश्नोई मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थे. मंत्री ने स्वयंसेवी संस्थाओं के कार्यकर्ताओं और छात्र छात्राओं से आह्वान किया. उन्होंने कहा कि नम क्षेत्र और पक्षियों का संरक्षण एक परोपकारी कार्य है. पंछियों को हमारे जलवायु में परिवर्तन का आभास काफी पहले हो जाता है. पंछियों के संरक्षण से ना केवल पर्यावरण की रक्षा कर सकेंगे बल्कि मानव जीवन को भी खतरे से बचा सकेंगे.
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कार्यशाला में संस्थान के निदेशक एवं प्रधान मुख्य वन संरक्षक डॉ. एन सी जैन ने सभी प्रतिभागियों को नम भूमि संरक्षण की महत्ता के बारे में बताया और अपनी जन भागीदारी निभाने के लिए प्रोत्साहित किया. उन्होंने कहा कि नम क्षेत्र और पक्षियों के संरक्षण के लिए लोगों में जागृति फैलानी होगी. विभिन्न अनुसंधानकर्ताओं को भी इसमें भाग लेना होगा.
साथ ही राज्य में पॉलिसी निर्माण को गति देकर इसे लागू करने पर भी जोर देना होगा. कार्यशाला में नम क्षेत्र की सुरक्षा और उसकी मॉनिटरिंग के प्रति लोगों को जागरूक करने पर जोर दिया गया. संभार राजकीय महाविद्यालय की प्राणी विज्ञान की व्याख्याता डॉ सीमा कुलश्रेष्ठ ने आसपास के गांव के सामाजिक और आर्थिक सर्वेक्षण के आधार पर कई सुझाव दिए.