जयपुर. प्रदेश में अब तक 41 कैडेवर डोनेशन हो चुके हैं. यानी 41 ऐसे ब्रेन डेड मरीज जिनके अंग जरूरतमंद मरीजों को लगाए जा चुके हैं. लेकिन प्रदेश की बात की जाए तो अवेयरनेस नहीं होने के चलते जरूरतमंद लोगों को समय पर अंग नहीं मिल पा रहे हैं. देखिये यह रिपोर्ट...
समय पर अंग नहीं मिलने से मरीजों की मौत हो रही है. स्टेट ऑर्गन टिशु एंड ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन यानी सोटो की ओर से अब एक मुहिम चलाई जाएगी. इस मुहिम के तहत लोगों को जागरुक किया जाएगा ताकि ब्रेन डेड हो चुके मरीज के अंग जरूरतमंद मरीजों को लगाए जा सकें.
स्टेट ऑर्गन टिशु एंड ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन(सोटो) के नोडल ऑफिसर डॉ मनीष शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि अब तक राजस्थान में 41 डोनर्स ने अपने अंग दान किए हैं. ऐसे लोग जो किसी हादसे की वजह से ब्रेन डेड हो गए तो उनके अंग जरूरतमंद मरीजों को लगाए गए हैं.
सोटो की मुहिम के तहत अंगदान को लेकर जागरूकता आने से मरीजों को अंगों के अभाव में दम नहीं तोड़ना पड़ेगा. डॉ मनीष शर्मा ने बताया कि सोटो के एसोसिएट हॉस्पिटल्स में कैडेवर ट्रांसप्लांट को लेकर ट्रेनिंग दी जाएगी और इन अस्पतालों में जागरूकता को लेकर विशेष कार्यक्रम भी चलाए जाएंगे. परिजनों को ब्रेन डेड व्यक्ति के अंगदान के लिए तैयार किया जाएगा.
प्रदेश की मौजूदा स्थिति