राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

दारा एनकाउंटर में बरी हुए आरोपी पर फिर से केस दर्ज करने के आदेश, जाने दारा एनकाउंटर की पूरी कहानी...

दारा सिंह एनकाउंटर मामले में एक बार फिर से एक नया मोड़ आ गया है. वर्ष 2018 में केस में बरी किए गए लोगों के खिलाफ एक बार फिर से एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं.

dara encounter,  reregister case, जयपुर पुलिस
दारा एनकाउंटर में बरी हुए आरोपी पर फिर से केस दर्ज करने के आदेश

By

Published : Jan 9, 2020, 7:28 PM IST

जयपुर.दारा सिंह एनकाउंटर मामले में एक बार फिर से एक नया मोड़ आया है और वर्ष 2018 में केस में बरी किए गए लोगों के खिलाफ एक बार फिर से एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं. दारासिंह की विधवा पर दबाव डालकर अदालत में उसके बयान बदलवाने का आरोप लगाते हुए दायर की गई परिवाद पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने राजधानी के बनीपार्क थाने को पूर्व मंत्री राजेंद्र राठौड़, राजाराम मील सहित कुल 23 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं.

दारा एनकाउंटर में बरी हुए आरोपी पर फिर से केस दर्ज करने के आदेश

दारा सिंह के पुत्र अमित बेनीवाल ने कोर्ट में परिवाद दायर किया था. जिसमें उसकी मां सुशीला देवी को डरा धमकाकर अदालत में गलत बयान दिलाने की बात कही गई है. जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने एनकाउंटर केस में बरी किए गए पूर्व मंत्री राजेंद्र राठौड़, शेर सिंह पूनिया, राजाराम मील, वकील एके जैन, पराक्रम सिंह, सुमेर सिंह, वकील रोशन सिंह सहित कई पुलिस कर्मियों पर एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं.

यह है दारा सिंह एनकाउंटर की कहानी

दारासिंह राजस्थान के चुरू जिले का एक इनामी बदमाश था. जिसके खिलाफ 50 से अधिक प्रकरण दर्ज थे. दारासिंह को पकड़ना पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया था. जिस पर एडीजी एके जैन की ओर से 25 हजार रुपए का इनाम भी घोषित किया गया था. दारासिंह को पकड़ने के लिए राजस्थान एसओजी ने वर्ष 2006 में अक्टूबर माह में जाल बिछाया और राजधानी के मानसरोवर थाना इलाके में दारासिंह का एनकाउंटर कर दिया गया.

यह भी पढ़ें- सीएम अशोक गहलोत पहुंचे जयपुर, बिरला सभागार में आयोजित कार्यक्रम में करेंगे शिरकत

पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान दारासिंह को मार गिराने का पक्ष पेश किया. इस एनकाउंटर के बाद प्रदेश की राजनीति में काफी बवाल मचा और अनेक नेताओं के नाम भी इस एनकाउंटर के साथ जोड़ दिए गए. एनकाउंटर के बाद दारासिंह के परिजनों ने पुलिस पर फर्जी एनकाउंटर करने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज करवाया. मामला दर्ज होने के बाद दारासिंह के परिजनों ने पुलिस पर परिवार पर लगातार बयान बदलने के लिए दबाव डालने और जान से मारने की धमकी देने के आरोप लगाते हुए प्रकरण की सीबीआई जांच की मांग की.

दारा सिंह के परिजनों की गुहार पर राज्य सरकार और सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच सीबीआई को सौंपी. मामले की जांच करते हुए सीबीआई ने 14 पुलिसकर्मियों सहित भाजपा के नेता राजेंद्र राठौड़ को दोषी माना. कोर्ट ने एडीजी ए. पोन्नुचामी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अरशद अली, इंस्पेक्टर सत्यनारायण गोदारा, निसार खान, नरेश शर्मा, सुभाष गोदारा, सब इंस्पेक्टर राजेश चौधरी, जुल्फिकार, अरविंद भारद्वाज, सुरेंद्र सिंह, मुंशीलाल, हेड कांस्टेबल बद्रीप्रसाद, कॉन्स्टेबल जगराम और सरदार सिंह को दोषी माना.

यह भी पढ़ें- फरवरी महीने के अंत में बुलाया जा सकता है विधानसभा का बजट सत्र

वर्ष 2011 में सीबीआई की ओर से आरोपी पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया गया. वहीं वर्ष 2012 में भाजपा नेता राजेंद्र राठौड़ को गिरफ्तार किया गया, जो 51 दिन जेल में रहने के बाद रिहा हुए. वर्ष 2018 में पुलिसकर्मियों को कोर्ट से बरी किया गया.

ABOUT THE AUTHOR

...view details