जयपुर. प्रदेश में रमजान के महीने में मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में बिजली कटौती नहीं की जाएगी. इसको लेकर जारी आदेशों के बाद (Jaipur Electricity Board Order) राजस्थान में राजनीति गरमा गई है. मामले में पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी है. साथ ही नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने आदेश को लेकर सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाया है. कटारिया ने मंगलवार को बयान जारी कर कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर डिस्कॉम ने यह आदेश निकाला है.
पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने कहा है कि प्रदेश में लोग सिर्फ रमजान ही नहीं रख रहे, भरी गर्मी में नवरात्रा व्रत और नवरात्रा उपवास भी कर रहे हैं. फिर राज्य सरकार को सिर्फ रमजानियों की ही चिंता क्यों है, बाकी प्रदेशवासियो की क्यों नहीं ? राजे ने इस मामले में ट्वीट कर लिखा कि प्रदेश की जनता इसका जवाब चाहती है. उन्होंने कहा कि ये तुष्टिकरण और वोटों की राजनीति नहीं तो और क्या है? सरकार जवाब दे. राजे ने कहा है कि राज्य की कांग्रेस सरकार को मजहब से ऊपर उठकर राजस्थान और राजस्थानियों की बात करनी चाहिए. पूरे प्रदेशवासियों के बारे में सोचना चाहिए. सरकार सबकी होती है इसलिए उसे पक्षपात पूर्ण रवैया छोड़कर सबके भले के लिए काम करना चाहिए. छत्तीस की छत्तीस कौमों और सब धर्मों की समस्याओं के निराकरण के बारे में काम करना चाहिए, लेकिन अफसोस ऐसा नहीं हो रहा. इसलिए अब तो समय आने पर जनता ही ऐसे आदेशों का जरूर जवाब देगी.
पढ़ें :जोधपुर डिस्कॉम का फरमान, रोजे के दौरान मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में न करें कटौती
नवरात्रों पर भी हो निर्बाध बिजली आपूर्ति के इंतजाम: वहीं, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि इस आदेश पर मुख्यमंत्री जी की जो भावना थी, उसके लिए तो उनका आभार. लेकिन यदि मुख्यमंत्री के निर्देश पर (Kataria Targeted Gehlot Government) एक और आदेश निकल जाता जिसमें हिंदू धर्म के नवरात्रों सहित अन्य धर्मों और समाजों के पर्व-त्योहारों के लिए भी इस तरह के निर्बाध बिजली आपूर्ति के आदेश निकाले जाते हैं तो बहुत अच्छा लगता. वरना इस अकेले आदेश से मन में कटुता के भाव आएंगे.
कटारिया ने कहा कि केवल इस प्रकार तुष्टीकरण के आधार पर मुसलमानों को रोजे में तकलीफ ना आए, इसके लिए निकाले गए आदेश को पढ़कर (Rajasthan Politics on Ramzan Month) तो यही लगता है कि प्रदेश सरकार के दिमाग में तो केवल वोटों की खेती के अलावा और कुछ नहीं दिखता. कटारिया ने कहा कि यदि इसी प्रकार का आदेश अन्य धर्मों के लिए भी निकाले हैं तो मुख्यमंत्री जी उसे साझा करें.
क्या प्रशासन इस तरह का आदेश जारी कर तुष्टीकरण की राजनीति को बढ़ावा नहीं दे रहा ?वहीं, जोधपुर डिस्कॉम के इस आदेश पर पूर्व शिक्षा मंत्री और भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी ने भी सवाल उठाया है. देवनानी ने इस आदेश को लेकर एक ट्वीट किया, जिसमें लिखा कि मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में बिजली की अबाध (Muslim Dominated Area in Rajasthan) आपूर्ति सुनिश्चित करने का आदेश हैं, ताकि गर्मी के मौसम में रोजा रखने वालों को कोई तकलीफ ना हो. क्या प्रशासन इस तरह का आदेश जारी कर तुष्टीकरण की राजनीति को बढ़ावा नहीं दे रहा ? क्या बिजली की आबाध आपूर्ति भी संप्रदाय को देखकर होनी चाहिए ?
राजस्थान बन गया दुनिया का पहला राज्य:भाजपा विधायक अशोक लाहोटी ने भी इस मामले में प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है. लाहोटी ने सोशल मीडिया के माध्यम से राज्य मंत्री जाहिदा खान की ओर से इस संबंध में चलाई गई नोटशीट और डिस्कॉम की ओर से निकाले गए आदेश की कॉपी पोस्ट करते हुए लिखा कि राजस्थान दुनिया का पहला राज्य बन गया है जहां धर्म के आधार पर बिजली दी जाती है. लाहोटी ने लिखा कि हमारे हिंदुओं का नवरात्रा पर्व चल रहा है फिर हिंदुओं के लिए ऐसा आदेश क्यों नहीं निकाला गया. लाहोटी ने सवाल किया क्या प्रदेश के अन्य लोगों को निर्बाध बिजली की आपूर्ति की जरूरत नहीं है, लेकिन कांग्रेस को सिर्फ एक संप्रदाय के लोगों से ही हमदर्दी है.
जोधपुर डिस्कॉम के आदेश... क्या लिखा है आदेश में :जोधपुर डिस्कॉम ने इस संबंध में जो आदेश निकाला है, उसमें साफ तौर पर लिखा गया है कि 4 अप्रैल से रमजान महा शुरू हो रहा है. गर्मी के इस मौसम में रोजेदारों को परेशानी ना हो, इसे देखते हुए संपूर्ण मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में कोई कटौती ना की जाकर निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जाए. वहीं, जयपुर डिस्कॉम की ओर से जो आदेश निकाला गया है वह राज्य मंत्री जाहिदा खान के आग्रह पर निकाला गया है. इसमें रमजान माह के मौके पर निर्बाध बिजली आपूर्ति के निर्देश दिए गए हैं.