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हाईकोर्ट ने दिए डबल मर्डर केस मामले में जांच अधिकारी को केस डायरी के साथ पेश होने के आदेश - राजस्थान हाईकोर्ट

राजस्थान हाईकोर्ट ने 2019 में धौलपुर जिले में हुए दोहरे हत्याकांड मामले में जांच अधिकारी को केस डायरी सहित 2 जुलाई को पेश होने के आदेश दिए हैं. वहीं नर्सिंगकर्मियों को बकाया वेतन ना देने पर हाईकोर्ट ने प्रमुख चिकित्सा सचिव, चिकित्सा निदेशक और अतिरिक्त चिकित्सा निदेशक को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया हैं.

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डबल मर्डर केस मामले में जांच अधिकारी को केस डायरी सहित पेश होने के आदेश

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Published : Jun 4, 2020, 7:41 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने धौलपुर के मोरोली गांव में अगस्त 2019 में हुए दोहरे हत्याकांड मामले में जांच अधिकारी को केस डायरी सहित 2 जुलाई को पेश होने के आदेश दिए हैं. न्यायाधीश एसपी शर्मा की एकलपीठ ने यह आदेश याचिकाकर्ता श्रीनाथ की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए. याचिका में कहा गया कि 30 अगस्त 2019 को बाबू महाराज के मेले में जा रहे दो युवकों की निर्मम हत्या कर दी गई थी. यह हत्या पुलिस की गोली लगने से हुई थी. पुलिस फायरिंग के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने गाइडलाइन जारी कर रखी है.

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इसके बावजूद भी पुलिस दोषी पुलिसकर्मियों को बचाना चाहती है और मृतकों के परिजनों पर राजीनामा करने का दबाव डाल रही है. ऐसे में मामले की जांच स्वतंत्र जांच एजेंसी से कराई जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने 2 जुलाई को जांच अधिकारी को केस डायरी सहित पेश होने के निर्देश दिए हैं.

नर्सिंगकर्मियों को बकाया वेतन ना देने पर हाईकोर्ट ने जारी किया नोटिस

राजस्थान हाईकोर्ट ने नर्स ग्रेड द्वितीय के पद पर कार्यरत याचिकाकर्ता नर्सिंगकर्मियों को 17 माह का वेतन नहीं देने पर प्रमुख चिकित्सा सचिव, चिकित्सा निदेशक और अतिरिक्त चिकित्सा निदेशक को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. न्यायाधीश गोवर्धन बाढ़दार की एकलपीठ ने यह आदेश रामचरण शर्मा व अन्य की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया.

याचिका में अधिवक्ता श्योजीराम शर्मा ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ताओं की नियुक्ति नर्स भर्ती 2015 के तहत हुई थी.नर्सिंगकर्मी टोंक जिले में अपना कार्य सही ढंग से कर रहे हैं. इसके बावजूद भी चिकित्सा विभाग ने मार्च 2017 से जून 2018 तक बजट नहीं होने का हवाला देते हुए वेतन नहीं दिया.

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याचिका में कहा गया कि बकाया वेतन के संबंध में कई बार विभाग के उच्चाधिकारियों को प्रार्थना पत्र भी दिए गए. इसके बावजूद भी अब तक उन्हें बकाया वेतन का भुगतान नहीं किया गया है. याचिका में गुहार की गई है कि उन्हें बकाया वेतन अदा किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया हैं.

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