जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने सहायक रेडियोग्राफर भर्ती में याचिकाकर्ताओं के आवेदन स्वीकार नहीं करने के मामले में कर्मचारी चयन बोर्ड को कहा है कि वह इनके ऑफलाइन आवेदन स्वीकार करें. इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ताओं का परिणाम बिना अनुमति जारी करने पर भी रोक लगा दी है.
वहीं, अदालत ने चिकित्सा सचिव, अतिरिक्त निदेशक प्रशासन, कर्मचारी चयन बोर्ड और पैरामेडिकल कौंसिल के रजिस्ट्रार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. अवकाशकालीन न्यायाधीश अभय चतुर्वेदी की एकलपीठ ने यह आदेश निशा कुमारी और अन्य की ओर से दायर याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.
याचिका में अधिवक्ता राम प्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ताओं ने निजी विश्वविद्यालयों से रेडियोग्राफर की डिग्री की थी. वहीं, पैरामेडिकल कौंसिल ने याचिकाकर्ताओं का पंजीकरण यह कहते हुए करने से इनकार कर दिया कि कौंसिल सिर्फ डिप्लोमाधारियों का ही पंजीकरण करता है. इसके चलते याचिकाकर्ताओं के सहायक रेडियोग्राफर भर्ती में आवेदन भी स्वीकार नहीं किए जा रहे हैं.
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याचिका में यह भी कहा गया कि यूजीसी से मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से डिग्री कोर्स होने के चलते उन्हें अलग से पंजीकरण कराने की भी जरूरत नहीं है. ऐसे में उनके आवेदन स्वीकार कर उन्हें चयन प्रक्रिया में शामिल किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी करते हुए याचिकाकर्ताओं के ऑफलाइन आवेदन स्वीकार करने को कहा है.