जयपुर. प्रदेश के विभिन्न उपखंडों में प्रशासनिक अधिकारियों की ओर से शिक्षकों की ड्यूटी शिक्षण कार्य के अतिरिक्त टिड्डी उड़ाने, मनरेगा, शादी समारोह, आवारा पशुओं की गणना और क्वॉरेंटाइन सेंटर में रह रहे प्रवासियों के मनोरंजन के लिए लगाई जा रही थी. इसे लेकर शिक्षकों में भारी रोष व्याप्त था.
गैर शैक्षिक कार्यों में नहीं लगेगी शिक्षकों की ड्यूटी ईटीवी भारत ने इस मुद्दे को प्रमुखता से प्रसारित किया. इस पर मुख्य सचिव ने निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 के अनुसार अधिनियम की धारा 27 में वर्णित कार्यों से इतर गैर-शैक्षणिक कार्यों में शिक्षकों की ड्यूटी नहीं लगाने के आदेश जारी किए. इस संबंध में शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि मेडिकल और पुलिस के बाद शिक्षकों ने ही कोरोना से लड़ाई में एक योद्धा की भूमिका निभाई है.
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प्रशासनिक अधिकारियों ने हेल्प के लिए शिक्षकों की ड्यूटी अन्य कार्य में लगा दी. इसके लिए समय-समय पर गाइडलाइन दी. इस संबंध में मुख्यमंत्री से चर्चा भी की. साथ ही कोरोना संक्रमण काल में जिला कलेक्टरों की ओर से शिक्षक को किस हद तक ड्यूटी पर लगाया जा सकता है, ये स्पष्ट करने की बात कही.
उधर, शिक्षक संगठनों ने ईटीवी भारत का आभार जताते हुए कहा कि शिक्षकों के लिए प्रशासनिक अधिकारियों की ओर से निकाले जा रहे मनमाने आदेशों को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से उठाया और शिक्षा मंत्री के संज्ञान में लेकर आए. ऐसे में शिक्षक जगत ईटीवी भारत का धन्यवाद करता है.
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शिक्षकों के हित में निकाले गए इन आदेशों के बाद अब उनमें खुशी की लहर है. बता दें कि शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने खुद मामले पर संज्ञान लेते हुए शिक्षकों की कोरोना वॉरियर्स के अलावा अन्य गैर शैक्षिक कार्यों में ड्यूटी नहीं लगाए जाने के निर्देश जारी करने के लिए मुख्य सचिव डी. बी. गुप्ता को आग्रह किया था.