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रिहायशी इलाकों में होटलों को क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाने का विरोध, भाजपा ने कहा- आबादी का तो रखें ख्याल - jaipur news

राजधानी जयपुर में प्रशासन की ओर से क्वॉरेंटाइन हेतु अधिकृत किए गए होटलों को लेकर विरोध शुरू हो गया है. जहां रविवार को विवेक नगर स्थानीय वासियों ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंप आबादी क्षेत्र में क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाने के लिए विरोध जताया है वहीं भाजपा के वरिष्ठ नेता मनीष पारीक ने इसका समर्थन किया है.

जयपुर न्यूज, jaipur news
रिहायशी इलाकों में क्वॉरेंटाइन हेतु होटलों के अधिग्रहण का विरोध

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Published : Apr 12, 2020, 8:53 PM IST

जयपुर.कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप के बीच प्रशासन ने रिहायशी इलाकों में क्वॉरेंटाइन हेतु अधिकृत किए गए होटलों के मामले में विरोध तेज हो गया है. पोलोविक्ट्री, सिंधीकैम्प के आसपास के इलाकों के लोगों के साथ भाजपा ने भी प्रशासन की इस कवायद का विरोध किया है.

इस सिलसिले में विवेक नगर स्थानीय वासियों ने प्रदर्शन कर कलेक्टर और स्थानीय थाना पुलिस अधिकारी को ज्ञापन सौंपा. तो ही भाजपा के वरिष्ठ नेता मनीष पारीक ने इस मामले में सरकार पर निशाना साधते हुए इसे प्रशासन का व्यावहारिक निर्णय करार दिया. सिंधी कैंप के पास स्थित विवेक नगर कॉलोनी के बाशिंदों ने तो इस संबंध में सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन भी किया. हालांकि इस प्रदर्शन के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का भी ध्यान रखा गया.

रिहायशी इलाकों में होटलों को क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाने का विरोध, भाजपा ने कहा- आबादी का तो रखें ख्याल

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ज्ञापन में स्थानीय लोगों ने साफ कर दिया कि यदि रिहायशी इलाकों में संदिग्ध मरीजों को करंट टाइम के लिए रखा गया तो क्षेत्र में संक्रमण फैलने का डर रहेगा और लोग भी इससे काफी भयभीत रहेंगे, ऐसे में सरकार अपना निर्णय वापस ले.

सरकार और प्रशासन पूरी तरह फेल- मनीष पारीक

उधर पूर्व उपमहापौर और भाजपा के वरिष्ठ नेता मनीष पारीक ने इस मामले में प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा की कोरोना के इस संकटकाल में प्रशासन और सरकार के निर्णय आम जनता पर भारी पड़ रहे हैं.

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पारीक अनुसार प्रशासन ने भामाशाह के सहयोग से परकोटे में चल रही रसोइयों को बंद करवा दिया लेकिन, यहां के गरीब लोगों को दोनों समय के भोजन का इंतजाम अब तक नहीं किया गया.

वहीं जयपुर शहर की आबादी से बाहर ऐसे कई होटल और भवन हैं, जिन्हें संदिग्ध मरीजों के क्वॉरेंटाइन के लिए अधिग्रहित किया जा सकता है. लेकिन सरकार जानबूझकर संक्रमित क्षेत्र के संदिग्धों को आसपास के आबादी वाले क्षेत्रों में क्वॉरेंटाइन करना चाहती है, जो व्यवहारिक रूप से गलत है.

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