जयपुर.वैश्विक महामारी के संकट के बीच प्रदेश सरकार की तरफ से स्टांप ड्यूटी पर 10 फीसदी सरचार्ज बढ़ाने के निर्णय का विरोध शुरू हो गया है. पूर्व मंत्री कालीचरण सराफ ने सरकार के इस निर्णय को जनविरोधी करार दिया है. सराफ की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि कोरोना महामारी के दौर में एक और केंद्र सरकार गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों को अपना घर देने के लिए रियल एस्टेट सेक्टर को इंसेंटिव देकर मजबूत करने का काम कर रही है, तो वहीं दुसरी ओर प्रदेश सरकार राजस्व वसूली में जुटी है.
सराफ ने कहा कि वित्तीय प्रबंधन में फेल हो चुकी प्रदेश सरकार मौके का फायदा उठाकर पेट्रोल-डीजल में अधिकतम वैट वसूली करके, मंडियों में टैक्स लगाकर और अब स्टांप ड्यूटी पर सरचार्ज लगाकर राजस्व एकत्रित करने में लगी है. सराफ के अनुसार गरीब और मध्यम आय वर्ग की स्वयं के घर की महत्ता को समझ कर केंद्र सरकार निर्णय ले रही है. लेकिन प्रदेश सरकार लगातार इसके विपरीत निर्णय लेकर जनता पर बोझ डालने में जुटी हैं.
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कालीचरण सराफ के अनुसार मौजूदा दौर में रियल एस्टेट सेक्टर से जुड़े बिल्डर्स के व्यवसाय सर्वाधिक प्रभावित हुए हैं. उन्होंने खरीददारों को राहत देने के लिए सरकार से स्टांप ड्यूटी में 5 फीसदी तक की छूट की मांग की थी. लेकिन, सरकार ने इसके विपरित 10 फीसदी सरचार्ज और बढ़ा दिया जो अनुचित है. सराफ ने मुख्यमंत्री से संकट के इस समय गरीब और मध्यम वर्ग पर अनावश्यक बोझ डाले बिना राजस्व अर्जन के माध्यम विकसित करें और तत्काल स्टांप ड्यूटी पर लगाया 10 फीसदी सरचार्ज को वापस लें.