जयपुरःआम तौर पर विधानसभा में विपक्ष एक जुट रहता है, लेकिन शुक्रवार को सदन में राज. न्यायालय फीस और वाद मूल्यांकन संशोधन विधेयक 2020 पर चर्चा के दौरान विपक्ष बंटा हुआ दिखा. विपक्ष के विधायक अनीता बदेल, किरण माहेश्वरी और अशोक लाहोटी ने राज. न्यायालय फीस और वाद मूल्यांकन संशोधन विधेयक 2020 में मानहानि के दावे की 25 हजार फीस किए जाने पर आपति दर्ज कराई है. हालांकि सांगानेर से विधायक अशोक लाहोटी ने यहां तक कह दिया कि इस संशोधन विधयेक के विरोध में प्रदेश के वकील सड़कों पर है. इसलिए इस जनपत के लिए भेजना चाहिए.
राजस्थान न्यायालय फीस और वाद मूल्यांकन संशोधन विधेयक 2020 पर बटा विपक्ष इसके बाद चर्चा के लिए खड़े हुए उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा की वो अपने विधायकों के विचार से इत्तेफाक नहीं रखते, मानहानि की फीस अधिकतम 25 हजार किए जाने से मुकदमों में अम्बार लगेगा. राठौड़ ने कहा कि किसी भी विधयेक को सदन पेश करने के बाद जनमत के लिए उसे भेजना स्वभाव में नहीं है. ये सरकार की हटधर्मिता है, लेकिन सरकार को चाहिए की वो इस विधयेक को पेश करने से पहले वकीलों के संगठन बार काउंसिल ऑफ राजस्थान से राय ले.
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उसके बाद जवाब लेकर खड़े हुए यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने कहा मोटे तौर पर बिल पर चर्चा होती है, तो विपक्ष एकजुट नजर आता है, लेकिन आज विपक्ष बटा हुआ नजर आया. किसी ने इसका स्वागत किया है और किसी ने इसका विरोध किया. मानहानि के दावे के बारे में अधिकतम पीस की सीमा निर्धारित नहीं की गई है, क्योंकि गरीब आदमी मन मसोसकर रहता है. धन की वसूली जैसे दावों पर कोर्ट फीस वैसे की वैसे ही रखी गई है, लेकिन मानहानि के नुकसान के दावे आते हैं तो उनके लिए ही यह फीस 25000 रखी गई है.
राजस्थान न्यायालय फीस और वाद मूल्यांकन संशोधन विधेयक 2020 पर बंटा विपक्ष 25000 ज्यादा नहीं है, 25000 तो मैक्सिमम हाइट है, इसकी उससे कम भी दे सकते हैं, व्यक्ति विशेष की अगर मानहानि हुई है और वह इतना सक्षम नहीं है कि वह ऊंची फीस दे पाए और मानहानि का दावा करने में जो हिचक आती है, उस विचार को दूर करने के लिए यह संशोधन विधेयक लाया गया है.
इस दौरान शांति धारीवाल ने बीजेपी विधायकों पर तंज कस्ते हुए कहा कि किरण जी आप तो पढ़ी लिखी हो, धोखाधड़ी का केस में नहीं होता ऐसा, आईपीसी का 406 सेक्शन पढ़िए, उसमें केस होता है, राठौड़ साहब ने कहा फ्लडगेट खुल जाएगा, फीस कम नहीं होनी चाहिए. जबकि अनिता भदेल और अन्य ने कहा फीस कम होनी चाहिए. इसके बाद आसान पर बैठे सभापति ने विधयेक को बहुमत के साथ पारित करवाया है.