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Rajasthan Assembly Session: नंदी शाला के सवाल पर प्रतिपक्ष नाराज, सदन से किया वॉकआउट...और कई मामलों में छिड़ी बहस

विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान शुक्रवार को जमकर हंगामा (Ruckus in Rajasthan Assembly) हुआ. सूरजगढ़ में नंदीशाला नहीं खोले जाने के सवाल पर भाजपा विधायकों ने वॉकआउट (opposition walkout from the house in Rajasthan) कर दिया.

Opposition angry on the question of Nandi Shala
नंदी शाला के सवाल पर प्रतिपक्ष नाराज

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Published : Feb 25, 2022, 3:47 PM IST

Updated : Feb 26, 2022, 10:54 PM IST

जयपुर. राजस्थान विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान आज सूरजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में नंदी शाला के लिए भूमि आवंटन से जुड़े सवाल (Ruckus in Rajasthan Assembly) के जवाब से संतुष्ट नहीं होने पर विपक्ष ने वॉकआउट (opposition walkout from the house in Rajasthan) कर दिया. सुभाष पूनिया ने मंत्री से पूछा कि अभी तक इस योजना के क्रियान्वयन नहीं होने के पीछे कौन जिम्मेदार है और उन पर क्या कार्रवाई होगी ?

इसपर मंत्री प्रमोद जैन भाया ने कहा कि योजना निर्विवादित है और इसके लिए समुचित संसाधन होने चाहिए. यही कारण है कि 650 करोड़ की योजना बनी और 2021-22 के लिए 111 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए. 5 जिलों में 8 संस्थाओं का चयन भी हो चुका है. योजना में देरी के लिए कोई अधिकारी दोषी नहीं है. कोरोना महामारी और योजना को व्यवहारिक बनाने के चलते समय लगा.

नंदी शाला के सवाल पर प्रतिपक्ष नाराज

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इसपर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने भी पूछ लिया कि यह 2020-21 की बजट घोषणा है. इसमे हुई देरी के लिए क्या हम इस तरह जनता को संतुष्ट कर सकते हैं. इसपर मंत्री प्रमोद जैन भाया ने पिछली भाजपा सरकार के समय की नंदी शालाओं के बारे में कहा कि पिछली सरकार में मात्र 50 लाख रुपए लागत से जिला स्तरीय नंदी गोशाला का प्रावधान किया गया था लेकिन वह मूर्तरूप नहीं ले सकी. ऐसे में मुख्यमंत्री की भावना यह रही कि योजना व्यावहारिक बने और यही कारण है कि राजस्थान पहला राज्य है जहां व्यापक और व्यवहारिक योजना लागू की गई है.

विपक्ष पर भड़के स्पीकर, भाजपा ने किया वॉकआउट
मंत्री भाया के जवाब के बीच विपक्ष ने हस्तक्षेप किया तो स्पीकर ने सख्त रुख अपनाते हुए नाराजगी जताई. इसपर विपक्ष ने विरोध स्वरूप सदन से वाकआउट कर दिया. विधानसभा में राजस्थान ब्रेवरीज लिमिटेड शाहजहांपुर के श्रमिकों को वेतन भुगतान से जुड़े सवाल का जवाब देते हुए श्रम राज्यमंत्री सुखराम विश्नोई ने कहा कि यह फैक्ट्री 2001 में बंद हो गई थी. जो श्रमिक कोर्ट में गए थे उनका भुगतान हो चुका है.

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इसपर स्पीकर डॉक्टर सीपी जोशी ने पूछा कि क्या इस आधार पर दूसरे श्रमिकों को भी पैसा मिलेगा ? मंत्री सुखराम बिश्नोई ने कहा जब खुद वाद दायर करेंगे तभी पैसा मिलेगा. इस पर स्पीकर ने पूछा कि क्या श्रम विभाग इस में मदद करेगा ? कम्पनी ट्रांसफर होने पर श्रमिकों के हित के लिए क्या प्रावधान है ? इसपर मंत्री सुखराम विश्नोई संतोषप्रद जवाब नहीं दे सके. वहीं पाली विधानसभा क्षेत्र में नई सड़कों के निर्माण से जुड़े सवाल में यह कहा गया कि हर विधयक को जो 5 करोड़ रुपये सड़कों के लिए मिले हैं तो उसमें से क्या बाकी बची राशि से दूसरी सड़क का निर्माण करवाया जाएगा.

कटारिया ने टेंडर प्रॉसेस के बाद बकाया पैसे पर किया सवाल
नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने भी कहा कि टेंडर प्रॉसेस के बाद यदि पैसा बच जाता है तो क्या उसी विधायक को वह बकाया पैसा खर्च करने का अधिकार देने का विचार है ? इस पर मंत्री भजन लाल जाटव ने कहा कि स्वीकृत कार्य और शेष कार्य को अलग-अलग माना जाता है. ऐसा नाबार्ड में नियम बना हुआ है.

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रॉ मटेरियल की जगह फोर्टीफाइड या पक्का आहार ही दिया जाएगा
विधानसभा में मंत्री अनिता भदेल ने सदन को आश्वस्त किया कि प्रदेश में अब पोषाहार के रूप में रॉ मटेरियल की जगह फोर्टीफाइड या पका हुआ पोषक आहार ही दिया जाएगा. मंत्री ने स्वीकार किया कि जनवरी 2021 में इस संबंध में भारत सरकार की तरफ से उन्हें पत्र मिल भी चुका है लेकिन कोरोना के चलते इसे लागू नहीं किया जा सका. अब प्रदेश में पोषाहार में कच्चे माल की जगह फोर्टिफाइड या पका हुआ पोषक तत्व ही दिया जाएगा.

जिम्मेदार अधिकारियों-कर्मचारियों के विरुद्ध क्या कार्रवाई की
सिरोही जिले में प्रशासन गांवों के संग अभियान की उपलब्धियों से जुड़े सवाल पर संयम लोढ़ा ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास की स्वीकृति जारी नहीं होने पर जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारियों के विरुद्ध क्या कार्रवाई की गई ? इसपर मंत्री रमेश मीणा ने कहा कि इसकी समीक्षा करवाई जा रही है कि देरी क्यों हुई. इसमें नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, स्पीकर सीपी जोशी, ममता भूपेश, मंत्री राजेंद्र राठौड़, उपनेता प्रतिपक्ष संयम लोढ़ा, निर्दलीय विधायक रमेश मीणा मौजूद रहे.

स्थानीय क्षेत्र विकास योजना के तहत बिना टेण्डर के 5 लाख तक के कार्य देने का प्रावधान
ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री रमेश चंद मीणा विधानसभा में कहा कि स्थानीय क्षेत्र विकास योजना के तहत बेरोजगार अभियन्ता को 5 लाख से नीचे तक के कार्य बिना टेंडर के दिये जा सकते हैं. विधानसभा में ग्रामीण विकास पंचायती राज मंत्री ने प्रश्नकाल में विधायक सुरेश सिंह रावत के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में बताया कि विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास योजनान्तर्गत अजमेर जिले में पिछले पांच वर्षाे में बेरोजगार स्नातक अभियंताओं को बिना टेण्डर प्रक्रिया के कार्य स्वीकृत नहीं किये गये हैं.

Last Updated : Feb 26, 2022, 10:54 PM IST

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