जयपुर. केंद्र की एनडीए सरकार ने कृषि संबंधी तीन नए बिल पास किए हैं. जिसको लेकर देश में जगह-जगह विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहे हैं. वहीं, मंडी व्यापारियों ने भी सोमवार को प्रदेश की मंडियों को बंद रखा. प्रदेश की 247 मंडियों में हड़ताल के चलते करीब 9 सौ करोड़ रुपए का कारोबार प्रभावित हुआ है.
राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ ने बताया कि, केन्द्र सरकार ने कृषि से संबंधी तीन नए बिल पारित किए हैं. जिनमें पहला कृषि उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सरलीकरण), दूसरा कृषक (सशक्तिकरण व संरक्षण) कीमत, आवश्वासन और कृषि सेवा पर करार और तीसरा, आवश्यक वस्तु संशोधन 2020 के विरोध में राजस्थान की 247 मंडियां और उससे संबंधित संगठनों ने अपना व्यापार बंद रखकर विरोध जताया. ऐसे में मण्डियों में न तो क्रय विक्रय हुआ, न कांटा लगा और न ही माल की आमद हुई. इस कारण राजधानी समेत राज्य की 247 मंडियों का 9 सौ करोड़ का नुकसान हुआ है.
खाद्य पदार्थ व्यापार संघ का कहना है कि, इन बिलों के पास होने के बाद मंडी व्यापारी व्यापार नहीं कर सकेंगे. क्योंकि मंडी के बाहर व्यापार करने वालों के लिए मंडी टैक्स और कृषक कल्याण फीस देय नहीं होगी. ऐसे में माल मंडी में आने के बजाय मंडी के बाहर ही बिकना शुरू हो जाएगा. ऐसे में व्यापारियों के साथ-साथ मंडी में काम करने वाले अन्य लोग भी बेरोजगार हो जाएंगे.
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राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ के चैयरमेन बाबूलाल गुप्ता ने बताया कि, केन्द्र सरकार ने व्यापारी और किसान विरोधी कानून पास किए हैं. इन कानूनों के लागू होने के बाद कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग शुरू हो जाएगी और कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग पर खेती होती है तो किसान बहुराष्ट्रीय कंपनियों का मजदूर बन जाएगा. साथ ही कृषि उपज भी मंडियों में नहीं आएगी. इससे मंडियां बर्बाद हो जाएंगी. इसलिए सोमवार को राज्य की 247 मंडियों के व्यापारियों ने व्यापार बंद रखकर इन कानूनों का विरोध जताया है. 23 सितंबर 2020 को वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से प्रांतीय कार्यकारिणी की बैठक आयोजित होगी. जिसमें आंदोलन की रूपरेख तय की जाएगी.