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शहादत को सलाम: कुपवाड़ा में नागौर का सपूत शहीद , सीएम गहलोत समेत कई नेताओं ने ट्वीट कर दी श्रद्धांजलि - CM Ashok Gehlot Pay Tribute To Nagaur Soldier

जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में नागौर के वीर सपूत महेंद्र मुवाल शहीद (Nagaur Soldier martyrdom In Kupwara) हो गए. उनकी शहादत को पूरा राजस्थान नमन कर रहा है. सीएम अशोक गहलोत, सांसद हनुमान बेनीवाल संग समेत कई जन प्रतिनिधियों ने ट्वीट कर श्रद्धांजलि अर्पित की है.

Nagaur Soldier martyrdom In Kupwara
शहादत को सलाम

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Published : Jan 12, 2022, 10:54 AM IST

जयपुर.कश्मीर की बर्फीली चोटियों पर तैनात 42 साल के सूबेदार महेन्द्र मुवाल ने कर्तव्य निर्वहन करते हुए प्राण त्याग (Nagaur Soldier martyrdom In Kupwara) दिए थे. उनकी शहादत पर जहा सबको दुख है वहीं देश के लिए काम आने पर गर्व भी. प्रदेश के मुख्यमंत्री समेत तमाम राजनीतिज्ञों ने उनकी शहादत को नमन किया है.

सीएम ने किया ट्वीट

सीएम अशोक गहलोत ने अंग्रेजी में ट्वीट कर शहीद को श्रद्धांजलि (CM Ashok Gehlot Pay Tribute To Nagaur Soldier) दी. उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा- नागौर के लालाप गांव के वीर सपूत महेंद्र मुवाल को श्रद्धांजलि. जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में कर्तव्य निर्वहन करते हुए शहीद हुए मुवाल के शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं. ईश्वर से प्रार्थना है कि वो शोकाकुल परिवार को शक्ति प्रदान करे. गहलोत ने कहा, इस मुश्किल घड़ी में हम सब उनके साथ खड़े हैं.

सीएम ने किया ट्वीट

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सांसद बेनीवाल ने भी जताया खेद

सांसद हनुमान बेनिवाल ने भी इस वीर सपूत को श्रद्धांजलि (MP Beniwal Tweets On Martyr Nagaur Subedar) दी. उन्होंने लिखा नागौर जिले के लालास गांव के निवासी सूबेदार महेंद्र कुमार जी मुवाल ने जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में मां भारती की सेवा करते हुए अपने प्राणों को अर्पित कर दिया, ईश्वर दिवगंत शहीद की आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान प्रदान करे, मेरी संवेदनाएं शोकाकुल परिजनो के साथ है.

सांसद बेनीवाल का ट्वीट

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क्या हुआ था सूबेदार को?

सेना में सूबेदार 42 साल के महेंद्र मुवाल कुपवाड़ा में दुर्गम क्षेत्र की ऊंची बर्फीली चोटी पर तैनात थे. बहुत ज्यादा सर्दी होने के बाद उनकी हालत बिगड़ गई थी. इसके बाद उन्होंने 6 दिन पहले 5 जनवरी को अंतिम सांस ली (Nagaur Soldier martyrdom In Kupwara) . भारी बर्फबारी के चलते उनके शव को बेस कैंप लाना मुश्किल हो रहा था. आखिरकार मंगलवार को उनके शव को हेलिकॉप्टर की मदद से बेस कैंप लाया गया.

महेंद्र कुमार के पिता भी भारतीय सेना में थे. चार भाइयों में तीसरे महेंद्र 28 जून 1996 में इंडियन आर्मी में शामिल हुए थे. महेंद्र अपने पीछे पत्नी कमला देवी, एक बेटा और एक बेटी छोड़ गए हैं. बड़ी बेटी 20 साल की पूजा सीकर में बीएससी बीएड कर रही है. वहीं 13 साल का बेटा संदीप गांव में ही नौवीं क्लास में पढ़ता है.

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