जयपुर. केंद्र की मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का 1 साल पूरे होने पर एक ओर जहां भाजपा के नेता अपनी सरकार के कामों को गिना रहे हैं ,तो वहीं कांग्रेस के नेता उसपर सवाल खड़े कर रहे हैं. परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा, कि केंद्र की भाजपा सरकार कोरोना संकट के समय में देश के करोड़ों मजदूरों, बेरोजगारों और जरूरतमंद लोगों की मदद करने में पूरी तरह से विफल साबित हुई है.
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के दूसरे कार्यकाल को 1 साल पूरे हो गया. इस दौरान पहली बार देश की जनता ने वैश्विक महामारी कोरोना संकट को झेला है, लेकिन इस संकट की घड़ी में भी केन्द्र सरकार लोगों को डायरेक्ट आर्थिक सहायता, राशन सामग्री और घरों तक पहुंचाने की व्यवस्था करने में पूरी तरह से फेल हो गई. संकट के समय में जब मजदूर डरा और सहमा हुआ, भूख से परेशान होकर, करोड़ों की तादाद में पैदल ही अपने घरों की तरफ निकल पड़ा, तब केंद्र सरकार का कोई भी नेता कहीं भी नजर नहीं आया.
'केंद्र सरकार सिर्फ जिम्मेदारी थोपने में लगी है'
खाचरियावास ने कहा कि दिल्ली में बैठी केंद्र सरकार सिर्फ राज्यों पर जिम्मेदारी थोपने में लगी रही. उन्होंने कहा कि दिल्ली में कंट्रोल रूम तक नहीं बनाया गया. रेल मंत्रालय जैसा बड़ा विभाग नेतृत्व के अभाव में पूरी तरह फेल साबित हुआ. ट्रेनें खड़ी रही, रेल मंत्री घर पर आराम करते रहे और सड़कों पर मजदूर भूख और प्यास से दम तोड़ता रहा.
केंद्र सरकार ने संकट के समय नहीं ली लोगों की सुध
मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा, कि देश की जनता ने प्रधानमंत्री की एक आवाज पर थाली बजाई, दीया जलाया, लेकिन सरकार ने थाली में राशन नहीं दिया और पेट की आग नहीं बुझाई. उन्होंने कहा कि यह वही सरकार है जिसके नेता ने कहा था कि देश के हर नागरिक को उसके खाते में 15 लाख दे दूंगा और अच्छे दिन लेकर आऊंगा. उसी सरकार ने संकट के समय में लोगों की कोई सुध नहीं ली.
खाचरियावास ने कहा कि 20 लाख करोड़ का पैकेज झूठ का पुलिंदा साबित हुआ. अब तक केन्द्र सरकार 50 हजार करोड़ भी डायरेक्ट लोगों तक नहीं पहुंचा पाई है क्योंकि केन्द्र सरकार घोषणाएं और हल्ला ज्यादा करती है. केन्द्र की भाजपा सरकार का काम में कोई विश्वास नहीं है.