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ओम बिरला ने संभाला लोकसभा स्पीकर का पदभार, कहा- सभी दलों को साथ लेकर चलेंगे

कोटा से बीजेपी सांसद ओम बिरला ने लोकसभा स्पीकर का पदभार संभाल लिया. प्रोटेम स्पीकर ने उन्हें शपथ दिलाई. बिरला ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि वह अब पार्टी से ऊपर उठकर संवैधानिक पद की गरिमा बनाए रखने की कोशिश करेंगे और सभी नेताओं को अपने क्षेत्र का मुद्दा उठाने का बराबर मौका देंगे.

ओम बिरला ने संभाला लोकसभा स्पीकर का पदभार

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Published : Jun 19, 2019, 8:12 PM IST

नई दिल्ली. लोकसभा के नवनिर्वाचित स्पीकर ओम बिरला ने बुधवार को पदभार संभाल लिया है. पद संभालने के बाद ओम बिड़ला ने कहा कि वह सभी दलों को साथ लेकर चलेंगे. उन्होंने कहा है कि सभी दलों ने मिलकर उन्हें स्पीकर बनाया है और अब वह पार्टी से ऊपर उठकर संवैधानिक पद की गरिमा बनाए रखने की कोशिश करेंगे.

ओम बिरला ने संभाला लोकसभा स्पीकर का पदभार, कहा- सभी दलों को साथ लेकर चलेंगे

ईटीवी भारत से बातचीत में ओम बिरला ने कहा कि वह कोशिश करेंगे कि सभी दलों के सदस्यों को संसद में अपनी बात रखने का मौका मिले. उन्होंने कहा कि उनका आचरण लोकसभा के अंदर संख्या बल पर नहीं होगा. भले ही किसी भी पार्टी की संख्या कम क्यों ना हो. वह सभी नेताओं को अपने क्षेत्र का मुद्दा उठाने का बराबर मौका देंगे. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने खुद ही कहा है कि संख्या बल कोई मायने नहीं रखता है.

घर पहुंचने पर तिलक लगाकर स्वागत

स्पीकर का पदभार ग्रहण करने के बाद ओम बिरला का घर पहुंचने पर उनकी पत्नी ने तिलक लगाकर स्वागत किया. बिरला की आरती उतारकर उनके स्वागत में गीत भी गाए गए. परिवार के सभी सदस्य उनकी अगुवाई में मौजूद थे. साथ ही बड़ी संख्या में उनके क्षेत्र से आए कार्यकर्ताओं की भी मौजूदगी रही.

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद बिरला को लोकसभा अध्यक्ष की कुर्सी तक ले गए. इसके बाद नरेंद्र मोदी ने कहा कि सदन के लिए यह गर्व की बात है. सर्वसम्मति से लोकसभा अध्यक्ष चुने जाने पर हम बिरला जी को बधाई देते हैं. कई सांसद बिरला जी को अच्छी तरह जानते हैं. सार्वजनिक सेवा उनकी राजनीति का केंद्र बिंदु रही है. पीएम मोदी ने कहा कि मुझे व्यक्तिगत रूप से बिरला जी के साथ लंबे समय तक काम करने का अनुभव याद है. उन्होंने छात्र नेता के रूप में शुरूआत की. तब से निर्बाध रूप से समाजसेवा कर रहे हैं.

गौरतलब है कि बिरला के समर्थन में कुल 13 प्रस्ताव पेश किए गए. बिरला के पदभार ग्रहण करने के बाद कांग्रेस के नेता नियुक्त किए गए अधीर रंजन चौधरी ने भी अपनी बात रखी. चौधरी ने बिरला से आग्रह किया कि सदन को लोकतांत्रिक परंपराओं का पालन करना चाहिए. चौधरी ने कहा कि हम चर्चा, सहमति और निर्णय में विश्वास करते हैं. हमें अपने अधिकारों के सम्मान की अपेक्षा है. संसदीय चर्चाओं में हमें अध्यादेश लागू करने वाले मार्ग को नजरंदाज करना होगा. क्योंकि यह लोकतांत्रिक नियमों के खिलाफ है.

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