जयपुर. प्रदेश की गहलोत सरकार ने दीपावली पर पटाखा व्यापारियों को राहत देते हुए एनसीआर को छोड़ बाकी प्रदेश के सभी जिलों में ग्रीन आतिशबाजी की बिक्री और आतिशबाजी चलाने पर लगी रोक को हटा ली थी. लेकिन ग्रीन पटाखों की आड़ में आतिशबाजी का पुराना स्टॉक बेचा जा रहा है.
गृह विभाग की गाइडलाइन की राजधानी जयपुर में कितनी पालना हो रही है, यह जानने ईटीवी भारत की टीम ने पड़ताल की तो सामने आया कि कई जगह पर ग्रीन पटाखे बिक रहे हैं, लेकिन कई जगह ग्रीन पटाखों की आड़ में पुराना आतिशबाजी का स्टॉक बेचा जा रहा है.
राजस्थान में कोरोना संक्रमण के आंकड़ों में कमी जरूर आई है लेकिन अभी भी संक्रमण का खतरा खत्म नहीं हुआ है. यही वजह है कि प्रदेश की गहलोत सरकार ने भले ही गाइड लाइन में छूट का दायरा बढ़ाया हो, लेकिन अभी भी कई नियम कानून लागू किए हुए हैं. इनमें से एक है दिवाली पर होने वाली आतिशबाजी. सरकार ने एनसीआर क्षेत्र को छोड़कर प्रदेश में ग्रीन आतिशबाजी की अनुमति दे दी. लेकिन क्या सरकार के आदेशों की पालना हो रही है ? इसी की पड़ताल के लिए ईटीवी भारत ने गुलाबी नगरी जयपुर में आतिशबाजी की दुकानों पर पहुंचकर सच जानने का प्रयास किया. सामने आया कि कई जगह पर पूर्ण रूप से ग्रीन पटाखे बिक रहे हैं, तो कुछ जगह पर ग्रीन की आड़ में आतिशबाजी का पुराना स्टॉप भी बेचा जा रहा है.
कैमरे से बचते रहे
ईटीवी भारत ने जब आतिशबाजी से जुड़े व्यापारियों से बातचीत की तो कई जगह व्यापारियों ने वीडियो बनाने से इनकार कर दिया. इसकी वजह थी उनकी दुकान पर रखा पुराना स्टॉक. कुछ दुकानों में सिर्फ ग्रीन आतिशबाजी ही बेची जा रही थी. जब व्यापारियों से Etv भारत ने बात की तो उन्होंने इस बात को स्वीकारा कि पर्यावरण प्रदूषण के लिहाज से देखें तो ग्रीन आतिशबाजी सबसे गुणवत्तापूर्ण हैं. सरकार ने ग्रीन आतिशबाजी की अनुमति देकर पटाखा व्यापारियों को बड़ी राहत दी है.