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Special : राजधानी जयपुर में ग्रीन आतिशबाजी की आड़ में बिक रहा पुराना स्टॉक..ईटीवी भारत ने की पड़ताल - etv india rajasthan news

राजधानी जयपुर में ग्रीन पटाखों की आड़ में आतिशबाजी का पुराना स्टॉक बेचा जा रहा है. व्यापारियों ने कहा कुछ पुराना माल हो सकता है, बाकी निर्देशों की पालना की जा रही है.

राजधानी में ग्रीन आतिशबाजी
राजधानी में ग्रीन आतिशबाजी

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Published : Nov 3, 2021, 9:02 PM IST

Updated : Nov 3, 2021, 10:27 PM IST

जयपुर. प्रदेश की गहलोत सरकार ने दीपावली पर पटाखा व्यापारियों को राहत देते हुए एनसीआर को छोड़ बाकी प्रदेश के सभी जिलों में ग्रीन आतिशबाजी की बिक्री और आतिशबाजी चलाने पर लगी रोक को हटा ली थी. लेकिन ग्रीन पटाखों की आड़ में आतिशबाजी का पुराना स्टॉक बेचा जा रहा है.

गृह विभाग की गाइडलाइन की राजधानी जयपुर में कितनी पालना हो रही है, यह जानने ईटीवी भारत की टीम ने पड़ताल की तो सामने आया कि कई जगह पर ग्रीन पटाखे बिक रहे हैं, लेकिन कई जगह ग्रीन पटाखों की आड़ में पुराना आतिशबाजी का स्टॉक बेचा जा रहा है.

राजधानी में ग्रीन आतिशबाजी की पड़ताल

राजस्थान में कोरोना संक्रमण के आंकड़ों में कमी जरूर आई है लेकिन अभी भी संक्रमण का खतरा खत्म नहीं हुआ है. यही वजह है कि प्रदेश की गहलोत सरकार ने भले ही गाइड लाइन में छूट का दायरा बढ़ाया हो, लेकिन अभी भी कई नियम कानून लागू किए हुए हैं. इनमें से एक है दिवाली पर होने वाली आतिशबाजी. सरकार ने एनसीआर क्षेत्र को छोड़कर प्रदेश में ग्रीन आतिशबाजी की अनुमति दे दी. लेकिन क्या सरकार के आदेशों की पालना हो रही है ? इसी की पड़ताल के लिए ईटीवी भारत ने गुलाबी नगरी जयपुर में आतिशबाजी की दुकानों पर पहुंचकर सच जानने का प्रयास किया. सामने आया कि कई जगह पर पूर्ण रूप से ग्रीन पटाखे बिक रहे हैं, तो कुछ जगह पर ग्रीन की आड़ में आतिशबाजी का पुराना स्टॉप भी बेचा जा रहा है.

कैमरे से बचते रहे

ईटीवी भारत ने जब आतिशबाजी से जुड़े व्यापारियों से बातचीत की तो कई जगह व्यापारियों ने वीडियो बनाने से इनकार कर दिया. इसकी वजह थी उनकी दुकान पर रखा पुराना स्टॉक. कुछ दुकानों में सिर्फ ग्रीन आतिशबाजी ही बेची जा रही थी. जब व्यापारियों से Etv भारत ने बात की तो उन्होंने इस बात को स्वीकारा कि पर्यावरण प्रदूषण के लिहाज से देखें तो ग्रीन आतिशबाजी सबसे गुणवत्तापूर्ण हैं. सरकार ने ग्रीन आतिशबाजी की अनुमति देकर पटाखा व्यापारियों को बड़ी राहत दी है.

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हालांकि 15 दिन पूर्व मिली इस अनुमति से 2 साल के नुकसान की भरपाई तो नहीं हो सकती, लेकिन पिछले साल की तुलना में इस बार पटाखा व्यापारियों के साथ आम लोग भी इस दिवाली को खुशी और आतिशबाजी के साथ मनाएंगे. नॉन-ग्रीन आतिशबाजी को लेकर जब व्यापारियों ईटीवी भारत की बात की तो उन्होंने इस बात को स्वीकार है कि कुछ जगहों पर आतिशबाजी का पुराना बचा हुआ माल बेचा जा रहा है, जिसे बेचने की अनुमति नहीं है.

जयपुर शहर में ग्रीन पटाखों की पड़ताल

ये थी ग्रह विभाग की गाइड लाइन

दरअसल राज्य सरकार ने 15 अक्टूबर को अपने पूर्व के आदेश को संशोधित करते हुए एनसीआर को छोड़कर प्रदेश के सभी जिलों में आतिशबाजी बेचने और चलाने पर लगी रोक हटा दी थी. एनसीआर क्षेत्र में आतिशबाजी को बेचने और चलाने पर प्रतिबन्ध रखा था. एनसीआर क्षेत्र को छोड़ते हुए सम्पूर्ण राजस्थान में केवल ग्रीन आतिशबाजी को दिवाली, गुरुपर्व और अन्य त्यौहार पर रात्रि 8 से 10 बजे, छठ पर्व पर सुबह 6 से 8 और क्रिसमस के साथ न्यू ईयर पर 11:55 PM से 12:30 AM पर चलाने की अनुमति दी थी.

क्या है ग्रीन आतिशबाजी की पहचान

ग्रीन आतिशबाजी की पहचान प्रत्येक आतिशबाजी के बॉक्स पर नीरी (NEERI) की तरफ से जारी किये गए QR कोड को स्कैन करके की जा सकती है. जिस शहर में एयर क्वालिटी इंडेक्स "poor" या उससे खराब है, वहां पर उस दिन आतिशबाजी चलाने पर रोक है. एयर क्वालिटी इंडेक्स आम जन और प्रवर्तन एजेंसी की ओर से केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की वेबसाइट से जानकारी ली जा सकती है.

Last Updated : Nov 3, 2021, 10:27 PM IST

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