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महंगाई से नहीं मिल रहा आम जनता को निजात, दाल के भाव स्थिर तेल के दाम ने लगाई छलांग - जयपुर व्यापार महासंघ

जयपुर में तेल के दाम बढ़ने से लोगों का बजट बिगड़ गया है. ऐसे में आम जनता की सरकार से बस एक ही मांग है कि मंहगाई को कम किया जाए जिससे लोगों को राहत मिले.

जयपुर में बढ़ती मंहगाई, rising inflation in jaipur
जयपुर में बढ़ती मंहगाई

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Published : Sep 23, 2021, 8:02 PM IST

जयपुर.प्रदेश में लाख कोशिशों के बावजूद भी आम जनता को महंगाई से निजात नहीं मिल पा रही. जयपुर के थोक बाजार की बात की जाए तो खाद्य तेलों के दामों में तेजी आई है और दालों के दाम कुछ समय से स्थिर बने हुए हैं. दूसरी ओर चीनी और चावल के दाम भी बढ़े हैं. कहीं ना कहीं पेट्रोल डीजल के स्थिर रहे दामों का भी असर खाद्य सामग्री पर पड़ा है. इसके कारण भी खाद्य सामग्रियों के दाम स्थिर बने हुए हैं.

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जयपुर के खुदरा बाजार में चीनी के दाम में बढ़ोतरी हुई है. वर्तमान में चीनी 40 से 42 रुपये किलो बिक रही है. पहले इसके 38 रुपए प्रति किलो दाम थे. जयपुर व्यापार महासंघ के अध्यक्ष सुभाष गोयल ने बताया कि पिछले 6 महीने से दालों के दामों में कोई असर नहीं पड़ा है इनके दाम स्थिर बने हुए हैं. खुदरा बाजार में दाल 50 से लेकर 110 रुपए किलो तक बिक रही है. मटर दाल की कीमत 50 से 60 रुपए किलो तक है, वहीं, चना दाल 70 रुपये किलो तक बिक रही है.

जयपुर बढ़ती मंहगाई से बिगड़ा रसोई का बजट

गोयल ने कहा कि पिछले 6 माह से दालों के दामों में कोई विशेष असर देखने को नहीं मिला है, वहीं तेल के दाम बढ़ रहे हैं. बाजार में 150 से लेकर 200 रुपये किलो तक तेल के दाम है. उन्होंने कहा कि पिछले दिनों पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ने से लागत जरूर 5 से 10 फीसदी बढ़ गयी है. लागत बढ़ाने से खर्चा बढ़ गया है. सुभाष गोयल ने कहा कि पिछले कई दिनों से पेट्रोल डीजल के दाम स्थिर बने हुए हैं. यह आम जनता के लिए राहत की बात है. गोयल ने सरकार से मांग की है कि पेट्रोल और डीजल के दाम जीएसटी के दायरे में लाया जाए. ताकि आम जनता को तो राहत मिले. साथ ही व्यापारियों को भी व्यापार करने में आसानी हो.

वर्तमान भाव

कृषि विशेषज्ञ शरद शर्मा ने कहा कि वर्तमान में मंडियों में किसानों की उपज का 15 से 20 फीसदी भाग ही पहुंच रहा है. इस तरह से तेल मिलों के पास पूरा कच्चा माल नहीं पहुंच पा रहा है. किसान कच्चे माल को स्टॉक करके रख लेता है. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में तेल में तेजी नहीं आएगी. सोयाबीन के दाम जरूर बढ़ सकते हैं. सरसों के तेल में दिवाली के बाद तेजी आएगी.

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दिसंबर और जनवरी के बाद इसमें कमी आना शुरू होगी. शरद शर्मा ने कहा तिल के तेल में भी तेजी आने की संभावना है. मूंगफली तेल के दाम स्थिर रहेंगे. भारत सरकार ने तेल पर इंपोर्ट ड्यूटी कम कर दी है उसका भी असर भविष्य में देखने को मिलेगा. कुल मिलाकर आने वाले दिनों में सरसों और सोयाबीन के तेल में तेजी आएगी लेकिन मूंगफली के दामों में कोई असर नहीं पड़ेगा.

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