जयपुर. नोबल नर्सिंग सेवा की शुरुआत करने वाली फ्लोरेंस नाइटेंगल के संदेश को प्रदेश के हर नर्सिंग स्टाफ तक पहुंचाने के उद्देश्य से नर्सेज डे के एक दिन पहले बुधवार को प्रदेश भर के 1500 से ज्यादा नर्सेज जयपुर में जुटीं. यहां उन्हें न सिर्फ आधुनिक तकनीक की जानकारी दी गई, बल्कि नर्सिंग की सामाजिक जिम्मेदारी और भूमिका का पाठ भी पढ़ाया (Nurses were taught the role of nursing in Universal Health) गया. वहीं प्रदेश में नर्सेज के पदनाम परिवर्तन के राज्य सरकार के फैसले के बाद अंतर्राष्ट्रीय नर्सेज डे को राजस्थान नर्सेज एसोसिएशन प्रदेश भर में आभार दिवस के रूप में मनाएगा.
अंतर्राष्ट्रीय नर्सेज दिवस से एक दिन पहले राजस्थान नर्सिंग कौंसिल के तत्वावधान में बिड़ला सभागार में 'यूनिवर्सल हेल्थ में नर्सिंग की भूमिका' पर पहला राष्ट्रीय सम्मेलन हुआ. जिसमें राजस्थान और दूसरे राज्यों के 1500 प्रतिभागियों ने भाग लिया. राजस्थान नर्सिंग काउंसिल के रजिस्ट्रार डॉ शशिकान्त शर्मा ने बताया कि सम्मेलन का उद्घाटन आरयूएचएस के कुलपति डॉ. सुधीर भंडारी, जन स्वास्थ्य एवं आरएनसी के अध्यक्ष डॉ. वीके माथुर, चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक (अराजपत्रित) सुरेश नवल, आरसीएच निदेशक डॉ केएल मीणा ने किया. सम्मेलन में डॉ. भंडारी ने कोरोना महामारी के काल में नर्सेज की भूमिका की प्रशंसा की. साथ ही नर्सेज को समाज और सरकार की ओर से पहचान देने की आवश्यकता बताया. वहीं डॉ. वीके माथुर ने कहा कि नर्सेज का राष्ट्रीय सम्मेलन निश्चित रूप से नर्सेज में आधुनिक तकनीक की जानकारी बढ़ाने में उपयोगी सिद्ध होगा. जिसका लाभ प्रदेश की जनता को स्वास्थ्य सुधार में मिलेगा.