जयपुर. राजधानी में दो नगर निगम और दो मेयर के फैसले के साथ 250 वार्ड बनाए जाएंगे. शहर की आबादी करीब 40 लाख है. परिसीमन के बाद 250 पार्षद होंगे. ऐसे में 16 हजार की आबादी पर एक पार्षद होगा. शहर में इस नई व्यवस्था से पार्षद जनता के और करीब आएंगे. 2014 में जो परिसीमन हुआ था उसमें 25 हजार से लेकर 50 हजार तक की आबादी पर एक पार्षद था.
जयपुर में साल 2004 के बाद बढ़ते गए वार्ड हाल ही में हुए परिसीमन में ये घटकर 17 हजार से 26 हजार हो गया था. वहीं अब ये संख्या और कम होगी. इस संबंध में प्रदेश के यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि राजधानी में आबादी का विस्तार होता जा रहा है. ऐसे में एक पार्षद अपने पूरे वार्ड क्षेत्र में नहीं पहुंच पाता. छोटे वार्ड होंगे तो पार्षद मॉनिटरिंग भी कर सकेगा.
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यही वजह है कि 2011 की जनसंख्या को आधार मानकर पहले 150 वार्ड किए गए थे. लेकिन लोगों की अपेक्षाएं ज्यादा है. ऐसे में दो नगर निगम के साथ 250 वार्ड बनाए जाएंगे. जयपुर हेरिटेज निगम में 150 वार्ड होंगे वही ग्रेटर जयपुर नगर निगम में 100 वार्ड बनाए जाएंगे.
आपको बता दें कि साल दर साल राजधानी में वार्डों की संख्या बढ़ती चली गई. 2004 में राजधानी में 70 वार्ड होते थे. जो 2009 में बढ़कर 77 हो गए. इसके बाद 2014 में वार्डों की संख्या 91 कर दी गई. इस बार के परिसीमन में पहले 150 वार्ड किए गए. और अब बढ़ाकर 250 वार्ड किये जा रहे हैं. ऐसे में माना जा सकता है कि अब पार्षद और आम जनता एक दूसरे के और करीब आएंगे.