जयपुर. राष्ट्रीय डाक दिवस पर एनएसयूआई ने महंगाई और बेरोजगारी के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने खून से पत्र लिखे. पहले विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने खून से पत्र (NSUI workers write letter to PM Modi in blood) लिखे, फिर सभी कॉलेज और विभागों में जाकर भी छात्र-छात्राओं से पत्र लिखवाए.
बीते दिनों यूनिवर्सिटी के मुख्य द्वार पर एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने जूतों के डॉक्टर, एमबीए बेरोजगार चायवाला, इंजीनियर स्पेशल पकौड़ी और वकील बेरोजगार पताशी वाले की स्टॉल सजाकर बेरोजगारी दिवस मनाते हुए विरोध प्रदर्शन किया था. वहीं सोमवार को राष्ट्रीय डाक दिवस के मौके पर बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी के खिलाफ प्रधानमंत्री को खून से पत्र लिखे गए.
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एनएसयूआई इकाई अध्यक्ष अमरदीप परिहार ने बताया कि जब से नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने हैं, तब से पढ़ा-लिखा युवा सरकारी नौकरियां की जगह पकौड़ी चाट का ठेला लगाने को मजबूर है. क्योंकि उन्हें डिग्रियां पाने और उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद भी उनकी योग्यता अनुरूप नौकरियां नहीं मिल पा रही हैं. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार लगातार सरकारी नौकरियों को खत्म करती जा रही है. राष्ट्रीय संस्थाओं का निजीकरण कर रही है जिससे पढ़ा लिखा भी बेरोजगार होता जा रहा है.
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उन्होंने कहा कि इसलिए अब नौबत आ गई है कि केंद्र सरकार का ध्यान आकर्षण कराने के लिए युवाओं को अपना खून बहाना पड़ रहा है. आज खून से पत्र लिख प्रधानमंत्री को पोस्ट किए गए हैं और अभी भी केंद्र सरकार आंख मूंदे बैठी रही, तो युवा आर-पार की लड़ाई लड़ने के लिए सड़कों पर उतरेंगे. आपको बता दें कि इकाई अध्यक्ष अमरदीप परिहार के साथ राष्ट्रीय संयोजक राहुल भाकर, छात्र नेता रविंद्र और अनिल शर्मा ने खून से पत्र लिखे. वहीं यूनिवर्सिटी के संघटक कॉलेजों और विभागों में छात्र-छात्राओं ने बेरोजगारी और महंगाई को लेकर अपना विरोध दर्ज कराते हुए स्याही से पत्र लिखे.