राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

अब SMS मेडिकल कॉलेज मेडिकल इक्विपमेंट्स की क्वालिटी की करेगा जांच

अगर आपने इलाज से जुड़े किसी भी मेडिकल इक्विपमेंट्स की खरीद की है, तो उसकी क्वालिटी की जांच भी आप करवा सकते हैं. जयपुर के सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज में इसकी शुरुआत की गई है. कोविड-19 संक्रमण की दूसरी लहर में खराब मेडिकल इक्विपमेंट्स के मामले सामने आए थे, जिसके बाद केंद्र सरकार के निर्देश पर देश के सभी मेडिकल कॉलेज में इसकी शुरुआत की गई है.

By

Published : Aug 9, 2021, 8:01 PM IST

Updated : Aug 9, 2021, 10:38 PM IST

मेडिकल इक्विपमेंट्स की क्वालिटी की जांच
मेडिकल इक्विपमेंट्स की क्वालिटी की जांच

जयपुर. हाल ही में कोविड-19 संक्रमण (covid-19 infection) की दूसरी लहर में मेडिकल इक्विपमेंट्स (medical equipment) की खराबी के कई मामले देखने को मिले थे. जिसके बाद गवर्नमेंट ऑफ इंडिया (Government of India) ने देश के सभी मेडिकल कॉलेजों में मेडिकल डिवाइस मॉनिटरिंग प्रोग्राम (medical device monitoring program) शुरू किया है.

सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज (Sawai Mansingh Medical College)के सीनियर प्रोफेसर और मेडिकल डिवाइस मॉनिटरिंग सेंटर जयपुर के कोऑर्डिनेटर डॉक्टर लोकेंद्र शर्मा का कहना है कि इस प्रोग्राम की शुरुआत इंडियन फार्माकॉपिया कमिशन (Indian Pharmacopoeia Commission)की ओर से की गई है. जिसके बाद SMS मेडिकल कॉलेज में भी एक सेंटर तैयार किया गया है

मेडिकल इक्विपमेंट्स की क्वालिटी की जांच

डॉक्टर लोकेंद्र शर्मा (Dr. Lokendra Sharma)का कहना है कि हमारी कोशिश है कि अधिक से अधिक लोगों को इस प्रोग्राम से जोड़ा जाए. डॉ शर्मा का यह भी कहना है कि इस प्रोग्राम का मुख्य मकसद यह होगा कि कोई भी व्यक्ति मेडिकल इक्विपमेंट्स की क्वालिटी से जुड़ी शिकायत कर सकता है. जिसके तहत यदि कोई मेडिकल डिवाइस प्रॉपर काम नहीं कर रही है या फिर उस मशीन से किसी तरह के कोई दुष्प्रभाव देखने को मिल रहे हैं या फिर खराब क्वालिटी की मशीन किसी को बेची जा रही है तो उसकी शिकायत की जा सकती है.

पढ़ें- अजमेरः 7 साल बाद मां-बाप मिले अपने कलेजे के टुकड़े से, मानव तस्करी मामले में रेस्क्यू किया गया बच्ची को

किस तरह के इक्विपमेंट्स की जांच

इस प्रोग्राम के तहत मेडिकल से जुड़े ऐसे इक्विपमेंट्स जो अस्पतालों में काम में आते हैं. या फिर जरूरत पड़ने पर मरीज के घर भी उपयोग में लाए जाते हैं. ऐसे इक्विपमेंट्स की जांच हो सकेगी. जिसमें पल्स ऑक्सीमीटर, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, एमआरआई ,सीटी स्कैन मशीन, डिजिटल थर्मामीटर, वेंटिलेटर आदि मशीनें शामिल है.

आमतौर पर कई बार देखा गया है कि अस्पतालों में मेडिकल इक्विपमेंट्स की खराबी के चलते कई तरह के हादसे हो चुके हैं. इसके अलावा हाल ही में कोविड-19 संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान औषधी नियंत्रक विभाग की ओर से जयपुर में अलग-अलग कार्यवाही को अंजाम दिया गया था, जहां घटिया क्वालिटी के ऑक्सीजन कंसंट्रेटर (Oxygen Concentrator) और पल्स ऑक्सीमीटर (Pulse Oximeter) जप्त किए गए थे. वहीं इस प्रोग्राम के तहत दवाइयों की गुणवत्ता की भी जांच करवाई जाती है.

किया जाएगा ब्लैक लिस्ट

डॉक्टर लोकेंद्र शर्मा का कहना है कि डिवाइस मॉनिटरिंग प्रोग्राम (device monitoring program) के तहत यदि किसी शिकायत के दौरान मशीन में कोई खराबी देखने को मिलती है या फिर किसी तरह का कोई दुष्प्रभाव मशीन से हो रहा है तो उस कंपनी को ब्लैक लिस्ट करने का प्रावधान भी रखा गया है. इसके अलावा इसे लेकर एक ऐप (ADR PvPI)भी तैयार किया गया है, जिसके माध्यम से भी कोई भी व्यक्ति मेडिकल इक्विपमेंट्स की क्वालिटी से जुड़ी शिकायत कर सकता है.

इसके अलावा एक हेल्प लाइन नंबर(18001803024) भी जारी किया गया है. जिसके तहत शिकायत का प्रावधान रखा गया है. हाल ही में कोविड-19 संक्रमण की दूसरी लहर में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और पल्स ऑक्सीमीटर की गुणवत्ता को लेकर काफी सवाल उठे थे.

Last Updated : Aug 9, 2021, 10:38 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details