जयपुर.राजधानी के दोनों निगमों में राजस्व की समस्या को हल करने के लिए अब निजी कंपनी के साथ अनुबंध किया गया है. ये कंपनी आगामी 2 महीने में शहर के 6 लाख मकान और दुकानों का सर्वे करेगी और उसके बाद निगम के अधिकारी-कर्मचारियों के साथ मिलकर रेवेन्यू कलेक्ट करने का काम करेगी.
अब निजी कंपनी करेगी निगम राजस्व के लिए सर्वे जयपुर हेरिटेज और ग्रेटर नगर निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों की नवनियुक्त आयुक्तों ने शुक्रवार को मीटिंग ली. इस दौरान उन्हें बकायेदारों से यूडी टैक्स और दूसरे कर की वसूली करने के निर्देश दिए. साथ ही बीते साल के बराबर रेवेन्यू इकट्ठा करने का टारगेट दिया गया है.
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बता दें कि राजधानी में दो नगर निगम बनने के साथ 176 करोड़ रुपए का अतिरिक्त सालाना बजट बढ़ गया है. इसमें अकेले वेतन भत्ते की मद में ही 164 करोड़ की वृद्धि होगी. निगम पर पड़ रहे इस अतिरिक्त भार को कवर करने के लिए निगम का पूरा फोकस अब रेवेन्यू कलेक्शन पर है.
इसे लेकर शुक्रवार को जयपुर हेरिटेज और जयपुर ग्रेटर के राजस्व अधिकारियों को नवनियुक्त आयुक्त दिनेश यादव और लोक बंधु ने बकायेदारों तक उनके बकाया टैक्स की सूचना पहुंचाने के लिए निर्देशित किया. साथ ही इस संबंध में जागरूकता अभियान चलाने, एसएमएस के माध्यम से सूचित करने और घर-घर तक बकाया के नोटिस भिजवाने के निर्देश दिए.
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ग्रेटर निगम आयुक्त दिनेश यादव ने बताया कि कोरोना काल में वर्तमान वित्तीय वर्ष के 3 महीनों में बहुत कम राजस्व इकट्ठा किया जा सका है. उन्होंने बताया कि अब लोगों की आर्थिक स्थिति पर भी असर पड़ा है, ऐसे में राजस्व इकट्ठा करना बड़ी चुनौती है. हालांकि दो निगम को चलाने के लिए ज्यादा राजस्व की आवश्यकता होगी, ऐसे में प्राइवेट कंपनी के साथ अनुबंध किया गया है जो शहर के 6 लाख मकान और दुकानों का सर्वे करेगी. यह कंपनी टैक्स कलेक्शन में भी मदद करेगी.
बैठक में दिए गए निर्देश...
इसके अलावा दोनों निगमों में आमजन से सीधी जुड़ी हुई समस्याएं लाइट, सीवरेज, अवैध निर्माण और सफाई जैसे कार्यों का त्वरित निस्तारण करने और शिकायतों के निस्तारण की डेली रिपोर्ट मुख्यालय में भेजने के लिए भी संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया. इस दौरान दिनेश यादव और लोक बंधु ने मुख्यमंत्री कार्यालय, लोकायुक्त और मानवाधिकार आयोग से प्राप्त प्रकरणों का आगामी 4 दिन में निस्तारण कर पेंडेंसी शून्य करने के भी निर्देश दिए. बैठक में संसाधनों के बंटवारे को लेकर स्थानीय परिस्थितियों को ध्यान में रखने के लिए भी गैराज और फायर शाखा के अधिकारियों को निर्देशित किया.