जयपुर. प्रदेश के किसानों को राहत देते हुए खरीफ- 2020 के अल्पकालीन सहकारी फसली ऋणों की वसूली तिथि 31 मार्च, 2021 से 30 जून, 2021 या खरीफ ऋण लेने की तिथि से एक वर्ष, जो भी पहले हो तक बढ़ा दी गई है. इस संबंध में आदेश जारी कर दिए गए हैं. यह जानकारी सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने दी.
आंजना ने बताया कि काश्तकारों को लाभान्वित करने के लिए सहकारी बैंकों से फसली ऋण प्राप्त करने वाले किसानों के ऋण वसूली की तिथि बढ़ाने का निर्णय किया है, ताकि वे शून्य प्रतिशत ब्याज सुविधा का लाभ प्राप्त कर सकें. उन्होंने बताया कि किसानों को ऋण जमा कराने में हो रही परेशानी से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अवगत कराया था और गहलोत ने किसानों के हित में त्वरित निर्णय लेने के लिए निर्देश दिए थे.
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सहकारिता मंत्री ने बताया कि राज्य में केन्द्रीय सहकारी बैंकों की ओर से ग्राम सेवा सहकारी समितियों के सदस्य काश्तकारों को अल्पकालीन सहकारी फसली ऋण वितरित किए जाते हैं. उन्होंने बताया कि खरीफ में लिए गए सहकारी फसली ऋणों का चुकारा 31 मार्च तक करना होता है.
कोविड-19, बे-मौसम बरसात और ओलावृष्टि प्रभावित किसानों को राहत देने के लिए राज्य सरकार ने 31 मार्च की तय देय तिथि को आगे बढ़ाते हुए अब ऋणी काश्तकारों को खरीफ फसली सहकारी ऋण 30 जून या जिस दिन ऋण लिया है, उससे एक वर्ष की अवधि, इसमें से जो भी पहले हो तक जमा कराने की छूट प्रदान की है. उन्होंने बताया कि इससे राज्य में केन्द्रीय सहकारी बैंकों के माध्यम से वर्ष 2020 में खरीफ फसल के लिए ऋण लेने वाले लाखों किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज सुविधा का लाभ मिल सकेगा.