जयपुर. खाद्य मंत्री रमेश मीणा ने रविवार को फेसबुक लाइव के जरिए लॉकडाउन अवधि के दौरान खाद्य विभाग की ओर से की जा रही तैयारियों और कार्यों के बारे में आमजन से चर्चा की. उन्होंने कहा कि कोविड-19 (कोरोना वायरस) के कारण घोषित लॉकडाउन के दौरान खाद्य विभाग की ओर से अप्रैल माह के उठाव और वितरण का कार्य मात्र 10 दिन में किया गया है. साथ ही विपदा की इस घड़ी में प्रदेश के उचित मूल्य दुकानदारों की ओर से गेहूं का वितरण घर-घर जाकर लाभार्थियों को किया जा रहा है जो अत्यन्त प्रशंसनीय कार्य है.
ओटीपी के स्थान पर गेहूं का वितरण आधार नंबर से निशुल्क चना दाल का वितरण 1 मई सेःखाद्य मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत प्रदेश में एनएफएसए राशन कार्ड धारियों को आगामी 1 मई से प्रति परिवार 1 किलो ग्राम चना दाल का निशुल्क वितरण किया जाएगा. उन्होंने कहा कि प्रदेश में कालाबाजारी और जमाखोरी पर प्रभावी रूप से अंकुश लगाने के लिए राज्य सरकार की तरफ से अधिसूचना जारी कर दी गई है. जिसमें सभी थोक विक्रेताओं को अपने गोदाम और व्यापार स्थल की सूचना अनिवार्य रूप से देनी होगी.
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322 गेहूं खरीद केंद्र किए स्थापितः
खाद्य मंत्री ने कहा कि प्रदेश में गेहूं की अच्छी फसल होने के कारण किसानों के हित में लॉकडाउन के बावजूद भी प्रदेश के विभिन्न जिलों में 322 गेहूं खरीद केंद्र स्थापित किए गए हैं. कोटा जिले में पंजीकरण और खरीद प्रक्रिया शुरू हो गई है. प्रदेश के अन्य जिलों में भी आगामी कुछ दिनों में पंजीकरण और खरीद प्रक्रिया प्रारंभ कर दी जाएगी.
एनएफएसए और पीएमजीकेवाई के गेहूं का वितरण एक साथ होगाः
रमेश मीणा ने बताया कि प्रदेश में एनएफएसए के सभी लाभार्थियों को 1 मई से 10 किलो गेहूं प्रति व्यक्ति प्रति परिवार एक साथ मिलेगा. जिसमें एनएफएसए का 5 किलो और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का 5 किलो गेहूं शामिल होगा. उन्होंने बताया कि इस दौरान एनएफएसए राशन कार्ड धारियों को प्रति परिवार 1 किलो चना दाल का भी निशुल्क वितरण किया जाएगा. इसके साथ ही खाद्य मंत्री ने आमजन से मास्क पहनने, सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने, घरों में ही रहने और निरंतर साबुन या सैनिटाइजर से हाथ धोने की अपील की है.
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इन मुद्दों पर खाद्य मंत्री ने दिया जवाबः
मंत्री रमेश मीणा ने कहा कि कालाबाजारी और जमाखोरी करने वालों के विरुद्ध प्रभावी कार्रवाई की जा रही है. आगे भी यह कार्रवाई जारी रहेगी. रमेश मीणा ने कहा कि कोविड-19 (कोरोना वायरस) महामारी के समाप्त होने के बाद प्रदेश में शिविर लगाकर पात्र परिवारों का योजना में नाम जोड़ा जाएगा. मीणा ने कहा कि देश में लॉकडाउन घोषित होने के कारण राजस्थान प्रदेश के मजदूर वर्ग के व्यक्ति जो अन्य राज्यों में फंसे हुए हैं उनके लिए खाद्य सामग्री सहित अन्य आवश्यक व्यवस्थाएं करवाए जाने की मांग मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और संबंधित राज्य सरकारों से भी की गई है.