जयपुर. जिले में कोरोना का संक्रमण लगातार तेजी से फैलता जा रहा है. लगातार फैलते संक्रमण से जयपुर के अस्पतालों में मरीजों के लिए बेड की व्यवस्था में भी कमी आने लगी है, जहां एक और सरकारी अस्पतालों में बेड की कमी होने लगी है. वहीं प्राइवेट अस्पताल प्रबंधक मरीजों को बेड होने के बावजूद मना कर रहे हैं. कोरोना संक्रमित मरीजों को अस्पतालों में बेड आसानी से मिल सके इसके लिए नोडल अधिकारी बनाए गए है. आईएएस अधिकारी गौरव गोयल ने बुधवार शाम को जयपुर जिला कलेक्ट्रेट सभागार में एक अहम बैठक ली.
जयपुर में करीब 3 आईएएस और 22 आरएएस अधिकारियों को नोडल अधिकारी बनाया गया है और उनके अधिकार क्षेत्र में 45 प्राइवेट अस्पताल है. राजधानी के सरकारी और निजी अस्पतालों में कितने बैड उपलब्ध हैं, इनमें ऑक्सीजन सपोर्टेड कितने और आईसीयू में कितने बेड हैं. इसकी जानकारी अब तुरंत मिल जाएगी. इसके लिए कोविड 19 लाइव डैशबोर्ड को तैयार किया जा रहा है. जिस पर विभिन्न अस्पतालों से प्राप्त सूचना के आधार पर बैड से संबंधित डाटा अपलोड किया जाएगा. कोविड-19 मैनेजमेंट के नोडल अधिकारी गौरव गोयल ने इस संबंध में अस्पतालों पर नियुक्त किए गए नोडल अधिकारियों की बैठक ली.
उन्होंने नोडल अधिकारियों को कहा कि प्रतिदिन सूचना एकत्रित करेंगे कि किस अस्पताल में कितने बेड खाली है कितने कोविड मरीज आ रहे हैं और कितने डिस्चार्ज हो रहे हैं. इससे प्राइवेट अस्पताल संचालक किसी मरीज को मना नहीं कर सके. अगर कोई अस्पताल प्रबंधन मना करता है तो संबंधित पेशेंट डैशबोर्ड पर दर्ज उस अस्पताल के नोडल अधिकारी से संपर्क कर सकेगा. आईएएस अधिकारी गौरव गोयल ने बताया कि कोरोना के कारण वर्तमान में विकट परिस्थितियां चल रही है और इस विकट परिस्थिति में सरकारी और निजी अस्पतालों में बेड की संख्या बढ़ाने का लगातार प्रयास किया जा रहा है.