जयपुर. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने प्रदेश की 52 हजार से ज्यादा आशा सहयोगिनियों का प्रशासनिक नियंत्रण चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के तहत करने की सहमति प्रदान (Health Minister approves decision about Asha Sahyogini) कर दी है. स्वास्थ्य मंत्री ने गुरुवार को सचिवालय में महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश के साथ हुई एक अहम बैठक में यह सहमति दी.
मीणा ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्र और चिकित्सा विभाग के लाभार्थी समान होने के कारण यह सहमति दी गई है. उन्होंने बताया कि आशा सहयोगिनी को मानदेय आईसीडीएस विभाग एवं इंसेंटिव चिकित्सा विभाग की ओर से दिया जा रहा है. चिकित्सा विभाग के अधीन आने से ना केवल आशा सहयोगिनियों को समय पर मानदेय मिल पाएगा बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं में भी सुधार होगा.
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प्रदेश में 55816 मुख्य व 6204 मिनी आंगनबाड़ी केंद्र स्वीकृत हैं, जिसमें से 55816 आशा सहयोगिनी के पद स्वीकृत हैं. इन पदों में 52810 पदों पर आशा सहयोगिनी कार्यरत हैं. उन्होंने बताया कि आशा के रूप में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा इंसेंटिव आधारित पद सृजित किया गया था. राजस्थान में आईसीडीएस के साथ सहयोगिनी के रूप में समन्वित पद करते हुए अतिरिक्त रूप से मानदेय का प्रावधान किया गया था. दोनों पदों की भूमिका एवं कार्यक्षेत्र समान होने के कारण आशा सहयोगिनी के रूप में नवीन पद पर सहमति दी गई थी. अब आशा सहयोगिनियों का प्रशासनिक नियंत्रण चिकित्सा विभाग के अधीन करने पर सहमति दे दी गई है.
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बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रेया गुहा, चिकित्सा विभाग के सचिव आशुतोष एटी पेडणेकर, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक डॉ जितेंद्र कुमार सोनी, समेकित बाल विकास सेवाएं की आयुक्त उर्मिला राजोरिया सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे.