जयपुर. पिछले 4 सर्वेक्षण में जयपुर ने 215 वीं से 28वीं रैंक तक का सफर तय किया है. 2021 का परिणाम अभी आना बाकी है, जिसमें जयपुर की दो रैंक आएंगी. इससे पहले केंद्र सरकार ने SBM 2.0 का एलान कर दिया है. स्वच्छ भारत मिशन 2.0 (SBM 2.0) में सर्वेक्षण के मानकों में बदलाव किया गया है. अंकों में भी बढ़ोतरी की गई है. इसके साथ ही सिटीजन फीडबैक का समय बढ़ाते हुए आमजन की भागीदारी को भी बढ़ाया गया है.
साफ रखने पर देना होगा जोर :हेरिटेज नगर निगम स्वास्थ्य उपायुक्त आशीष कुमार ने बताया कि सर्विस लेवल प्रोग्रेस के 3000, सिटीजन वॉइस के 2250 और सर्टिफिकेशन के 2250 अंक निर्धारित किए गए हैं. सिटीजन वॉइस में सीनियर सिटीजन का फीडबैक और डिजास्टर और एपिडेमिक रेस्पॉन्स को शामिल किया गया है. इसके अलावा जो वाटर बॉडीज म्युनिसिपल एरिया में है, उन्हें साफ रखने पर भी जोर देना होगा. वहीं, सफाई मित्र के स्वास्थ्य, ट्रेनिंग और सुरक्षा के प्रति जागरूकता स्वच्छता सर्वेक्षण का प्रमुख अंग है.
सिटीजन वॉइस के 2250 अंक निभाएंगे अहम भूमिका... रैंकिंग को बरकरार रखने की चुनौती :निगम अधिकारी की माने तो सर्विस लेवल में अब तक डोर टू डोर कचरा संग्रहण पर ज्यादा फोकस किया गया था. अब कचरे को निस्तारित करने की ओर कदम बढ़ाया जा रहा है. वहीं, सर्टिफिकेशन कि यदि बात की जाए तो जयपुर पहले ही ओडीएफ++ रैंकिंग प्राप्त कर चुका है. कोशिश यही है कि इस रैंकिंग को बरकरार रखते हुए ठोस कचरा प्रबंधन और c&d प्लांट पर काम किया जाए, ताकि फाइव स्टार रेटिंग को क्लेम किया जाए. ग्रेटर निगम एडिशनल कमिश्नर ब्रजेश चांदोलिया ने बताया कि स्वच्छता सर्वेक्षण एक निरंतर प्रक्रिया है. सफाई के प्रति लोगों को जागरूक करना और नियमों की पालना नहीं करने वालों पर कार्रवाई करना निगम का काम है.
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आपको बता दें कि स्वच्छ भारत मिशन 2.0 की तैयारियों को परखने के लिए फरवरी में केंद्र की टीम आएगी. इससे पहले 1 जनवरी से 28 फरवरी तक शहर की जनता फीडबैक दे सकेगी. ऐसे में अब राजधानी के दोनों निकायों को नए सिरे से तैयारी करनी होगी.