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वृद्धा को पेंशन दिलाने के नाम पर संपत्ति हड़पने का मामला, प्रभावी कार्रवाई नहीं होने पर नोटिस जारी

राजस्थान हाईकोर्ट ने वृद्धा को पेंशन दिलाने के नाम पर संपत्ति हड़पने के मामले में प्रभावी कार्रवाई नहीं करने पर गृह सचिव, डीजीपी, नागौर कलेक्टर और एसपी सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

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वृद्धा को पेंशन दिलाने के नाम पर संपत्ति हड़पने के मामले में प्रभावी कार्रवाई नहीं होने पर नोटिस जारी

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Published : Oct 22, 2020, 9:20 PM IST

Updated : Oct 22, 2020, 9:53 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने वृद्धा को पेंशन दिलाने के नाम पर संपत्ति हड़पने के मामले में प्रभावी कार्रवाई नहीं करने पर गृह सचिव, डीजीपी, नागौर कलेक्टर और एसपी सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. न्यायाधीश नरेन्द्र सिंह ने यह आदेश गुलाब देवी आपराधिक याचिका पर दिए. याचिका में अधिवक्ता योगेश टेलर ने अदालत को बताया कि कुछ लोगों ने मिलीभगत कर याचिकाकर्ता को पेंशन दिलाने के नाम पर स्थानीय रजिस्ट्री कार्यालय में ले गए. जहां उन्होंने याचिकाकर्ता के धोखे से अंगुठा लगवाकर संपत्ति हड़प ली.

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घटना की जानकारी मिलने पर याचिकाकर्ता ने दो माह पूर्व नावां थाने में मामला दर्ज कराया. याचिका में कहा गया कि दो माह बीतने के बाद भी अब तक पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. याचिका में अधिवक्ता योगेश टेलर ने अदालत को बताया कि कुछ लोगों ने मिलीभगत कर याचिकाकर्ता को पेंशन दिलाने के नाम पर स्थानीय रजिस्ट्री कार्यालय में ले गए. जहां उन्होंने याचिकाकर्ता के धोखे से अंगुठा लगवाकर संपत्ति हड़प ली.

पार्क विकसित नहीं करने पर हाईकोर्ट ने जवाब तलब किया

राजस्थान हाईकोर्ट ने महेश नगर में सुविधा क्षेत्र के लिए आरक्षित जमीन पर पार्क विकसित नहीं करने पर राज्य सरकार और नगर निगम को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. न्यायाधीश अशोक गौड़ ने यह आदेश रुक्मणी देवी की याचिका पर दिए. याचिका में अधिवक्ता मोहित गुप्ता ने अदालत को बताया कि महेश नगर स्थित छायादीप कॉलोनी-द्वितीय को नियमित हुए काफी साल बीत गए हैं. कॉलोनी में स्थानीय निवासियों के लिए सुविधा क्षेत्र भी आरक्षित किया गया है.

इसके बावजूद इस भूमि पर पार्क विकसित नहीं किया जा रहा है. जिसके चलते स्थानीय निवासियों को घूमने और खेलने के लिए दूसरी कॉलोनियों में जाना पड़ता है. इसके अलावा खाली जमीन देखकर बस संचालक यहां वाहन खड़े कर देते हैं. वहीं, कुछ लोग इस जमीन पर कचरा भी डाल रहे हैं. इस संबंध में संबंधित अधिकारियों को कई बार शिकायत दर्ज कराई, लेकिन अब तक इस भूमि पर पार्क विकसित नहीं किया जा रहा है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिकरण डांस टीचर को निकालने पर जारी किया नोटिस

राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिकरण ने तीस साल से काम कर रही डांस टीचर को पद से हटाने पर महाराजा सवाई मानसिंह स्कूल की प्रबंध कमेटी, सचिव, प्रिंसिपल और सीबीएसई सचिव को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. अधिकरण ने यह आदेश मंजू भार्गव की अपील पर दिए. अपील में अधिवक्ता प्रवीण बलवदा और अधिवक्ता मोहित बलवदा ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता महाराजा सवाई मानसिंह स्कूल में सितंबर 1990 को बतौर डांस टीचर नियुक्त हुई थी. वहीं, वर्ष 1994 में उसे नियमित कर सभी परिलाभ देना शुरू कर दिया.

अपील में कहा गया कि स्कूल प्रबंधन ने गत 18 अगस्त को आदेश जारी कर कमेटी के निर्णय का हवाला देते हुए डांस टीचर के पद को समाप्त करने के आधार पर अपीलार्थी को पद से हटा दिया. अपील में कहा गया कि समान पद पर एक अन्य शिक्षिका भी काम कर रही है. स्कूल में कक्षा तीन से आठ तक डांस अनिवार्य विषय है. वहीं अपीलार्थी हर साल करीब पांच सौ से अधिक विद्यार्थियों को डांस सिखाती है. इसके अलावा स्कूल प्रशासन शिक्षकों को वेतन देने के नाम पर विद्यार्थियों पर फीस का दबाव बना रहा है, जबकि दूसरी ओर याचिकाकर्ता को पद से हटाया गया है. वहीं पद समाप्त करने से पूर्व सीबीएसई की अनुमति भी नहीं ली गई है. जिस पर सुनवाई करते हुए अधिकरण ने स्कूल प्रशासन और सीबीएसई को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

रोटेशन की जगह लॉटरी से आरक्षण का प्रावधान करने पर मांगा जवाब

राजस्थान हाईकोर्ट ने नगर निगम और नगर पालिकाओं में मेयर और चैयरमैन के चुनाव में एससी, एसटी वर्ग के आरक्षण के लिए लॉटरी के प्रावधान को भूतलक्षी प्रभाव से लागू करने पर राज्य सरकार और चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. अदालत ने यह आदेश कमल राठौर व अन्य की याचिका पर दिए. याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार ने गत 13 अक्टूबर को एक अधिसूचना जारी कर वर्ष 1999 में मेयर और चैयरमैन के पदों पर एसटी एससी को रोटेशन से आरक्षण देने की व्यवस्था को रद्द कर नियम छह में संशोधित करते हुए इसमें लॉटरी का प्रावधान कर दिया. वहीं इसे हर जनगणना पर नए सिरे से पुन: शुरू करने का प्रावधान कर दिया. याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार ने रोटेशन के प्रावधान को हाईकोर्ट में चुनौती देने के बाद यह संशोधन किया है. वहीं इस प्रावधान से भी चुनिंदा सीटों पर ही आरक्षण सीमित रहेगा. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी किए हैं.

Last Updated : Oct 22, 2020, 9:53 PM IST

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