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जयपुर में अतिवृष्टि से हादसे का डर, परकोटे की 74 इमारतों की बनी सूची, 40 को नोटिस जारी

जयपुर में परकोटे की करीब 74 इमारतें जीर्ण-शीर्ण अवस्था में जा पहुंची हैं. नगर निगम ने मानसून के दौरान अतिवृष्टि को मद्देनजर रखते हुए इनमें से 40 इमारतों के के लिए नोटिस जारी किया है. इमारतों के उपयोगकर्ताओं को भवन में सुरक्षात्मक उपाय करने के लिए कहा गया है.

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Published : Jul 11, 2020, 6:11 PM IST

हादसे का डर, परकोटे की इमारतें, Jaipur News
जयपुर में नगर निगम ने 40 इमारतों को जारी किया नोटिस

जयपुर. शहर की विरासत को बचाने के लिए नए बिल्डिंग बायलॉज लागू किए गए हैं. हालांकि, इससे पहले ही परकोटे की करीब 74 इमारतें जीर्ण-शीर्ण अवस्था में जा पहुंची हैं. ऐसे में नगर निगम ने मानसून के दौरान अतिवृष्टि को मद्देनजर रखते हुए इनमें 40 इमारतों के लिए नोटिस जारी किया है. नोटिस के तहत इन इमारतों में रहने वाले लोगों को या तो इनकी मरम्मत करानी होगी या फिर इन्हें खाली करना होगा.

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जयपुर के परकोटे में खेजड़ों का रास्ता हो या पुरोहित जी का कटला, गणगौरी बाजार हो या पुरानी बस्ती, यहां कई पुराने भवन जर्जर हो गए हैं. ये मकान ना सिर्फ यहां रहने वालों के लिए, बल्कि पड़ोसियों के लिए भी परेशानी का सबब बने हुए हैं. हालांकि, सरकार ने नए बिल्डिंग बायलॉज में हेरिटेज इमारतों के ध्वस्तीकरण पर रोक लगाई है. लेकिन, किसी भी तरह की अप्रिय घटना से बचने के लिए नगर निगम प्रशासन ने शहर की 74 पुरानी इमारतों की सूची तैयार की है. इनमें से हवा महल पश्चिम जोन की में करीब 40 इमारतों को नोटिस भी जारी किया जा चुका है.

जयपुर में नगर निगम ने 40 इमारतों को जारी किया नोटिस

इस संबंध में हवामहल पश्चिम जोन के उपायुक्त सुरेंद्र यादव ने बताया कि अतिवृष्टि को दृष्टिगत रखते हुए जोन क्षेत्र के 40 भवन चिह्नित किए गए हैं, जो ज्यादा वर्षा होने के कारण क्षतिग्रस्त होकर गिर सकते हैं. इसलिए उपयोगकर्ताओं को निगम के द्वारा नोटिस जारी किया गया है और भवन में सुरक्षात्मक उपाय करने के लिए कहा गया है. अगर वो इनका जीर्णोद्धार नहीं करते हैं तो ऐसी स्थिति में निगम की ओर से कार्रवाई करते हुए क्षतिग्रस्त और जर्जर भाग को हटाया जाएगा. इसका चार्ज भी भवन मालिक से ही वसूला जाएगा.

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हालांकि, परकोटे के हवामहल पूर्व जोन की ओर से अब तक इन इमारतों का सर्वे भी पूरा नहीं किया गया है. 34 इमारतों का चिह्निकरण ही किया गया है, जिससे निगम प्रशासन की उदासीनता भी जाहिर हो रही है. वहीं, स्थानीय लोगों को अतिवृष्टि होने परसे हादसे का डर सता रहा है.

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