जयपुर. राज्यसभा चुनाव को लेकर भाजपा का प्रेशर पॉलिटिक्स का गेम जारी है. विधायकों की संख्या बल कम होने के बावजूद ओंकार सिंह लखावत को दूसरे प्रत्याशी के रूप में खड़े करने के बाद अब तक भाजपा ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं, जबकि स्क्रूटनी में सभी नामांकन पत्र सही पाए गए हैं. अब मुख्य सचेतक महेश जोशी भाजपा से समझदारी का परिचय देते हुए निर्विरोध चुनाव करवाने की अपील करते है, जबकि नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया उम्मीद पर दुनिया कायम होने की बात कहते नजर आए.
दरअसल, 18 मार्च को नामांकन वापस लेने की अंतिम तारीख है. इस बीच कटारिया ने सोमवार को भाजपा मुख्यालय पहुंचकर पार्टी के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री सतीश से मुलाकात की. करीब 1 घंटे चली वार्ता के बाद पत्रकारों से रूबरू हुए कटारिया से जब पूछा गया की लखावत का नामांकन वापस लिया जाएगा, तो कटारिया ने पहले स्क्रूटनी और फिर आपस में चर्चा कर निर्णय लिए जाने की बात कहकर सवाल टाल दिया. दोबारा सवाल करने पर उन्होंने कह दिया कि उम्मीद पर दुनिया कायम है. कम विधायकों की संख्या होने के बावजूद ओंकार सिंह लखावत को चुनाव मैदान में उतारने की रिस्क लेने के बाद कटारिया यह कहते हुए नहीं थकते कि डर भाजपा को नहीं बल्कि कांग्रेस को है.
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वहीं सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी ने भाजपा नेताओं को समझदारी का परिचय देते हुए निर्विरोध चुनाव करवाने की नसीहत दी है. जोशी के अनुसार विधायकों की संख्या बल के आधार पर चुनाव होते हैं और इस संबंध में चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने भी भाजपा को ऑफर दिया है, अब भाजपा नेताओं को निर्णय लेना है. जोशी ने विश्वास जताया कि कांग्रेस के पास उनके विधायकों की ताकत तो है ही साथ ही कई और विधायकों का समर्थन भी कांग्रेस के पास है.