राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

पाकुड़: कोरोना वायरस की रोकथाम को लेकर नगर परिषद सक्रिय, गाड़ियों को किया सेनेटाइज - जयपुर खबर

कोरोना वायरस के चलते देश में लगे लॉकडाउन का असर अब दिखने लगा है. लॉकडाउन से सबसे ज्यादा परेशानी गरीब और मजदूर वर्ग को रही है. अब हालात यह है कि लॉकडाउन के कारण पाकुड़ में फंसे राजस्थान के घुमंतू परिवार खाने के लिए भीख मांगने को मजबूर हो गया है.

nomadic family , पाकुड़ में फंसे खानाबदोश परिवार
नगर परिषद ने किया गाड़ियों को सेनेटाइज

By

Published : Apr 16, 2020, 7:26 PM IST

झारखंड/जयपु :कोरोना वायरस को हराने और भगाने की मुहिम में लॉकडाउन को और 19 दिन के लिए बढ़ा दिया गया है. इस दौरान शासन-प्रशासन के अलावे स्वयं सेवी संस्थाएं और कई समाज सेवियों के साथ जनप्रतिनिधि भी लॉकडाउन में फंसे मजदूरों, वृद्धों और दिव्यांगों जैसे जरूरतमंद लोगों की बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने में लगे हैं.

नगर परिषद ने किया गाड़ियों को सेनेटाइज

इन सबके बावजूद भी जिले में एक ऐसा तबका भी है जो पहले तो लॉकडाउन में फंसा और अब दाने-दाने को मोहताज हो गया है. पेट की भूख मिटाने के लिए इन लोगों को अब भीख मांगने को विवश होना पड़ रहा है. आखिर हो भी क्यों नहीं क्योंकि शुरुआती दौर में इन्हें कई लोगों ने मदद की, लेकिन आज इन्हें सरकारी सुविधाएं इसलिए नहीं मिल रही है क्योंकि यह इस राज्य के रहने वाले नहीं हैं!

पढ़ें-इमली और महुआ खाकर जिंदा है गुरुवारी, लॉकडाउन में नहीं मिला खाना

बता दें कि राजस्थान के दर्जनों लोग कोरोना वायरस के फैलने के पहले पाकुड़ आए थे. इस आस में कि कुछ कामकाज करके कमाएंगे और अपने परिवार का भरण पोषण करेंगे. इनके पाकुड़ पहुंचने के कुछ दिन बाद ही कोरोना वायरस को लेकर लॉकडाउन हो गया. जिस कारण यह लोग अपने घर वापस नहीं जा पा रहे. वहीं इनके पास इतने पैसे नहीं बचे हैं कि कुछ सामान खरीद कर अपना और परिवार का भूख मिटा सकें. इस कारण मजबूरन इन्हें अपने स्वाभिमान से इतर भीख मांगना पड़ रहा है.

दवा बेचने का करते हैं काम

सभी खानाबदोश परिवार राजस्थान से आये हैं और पाकुड़ में घूम-घूम दवा बेचने का काम कर रहे थे. इसी बीच लॉकडाउन में फंसकर पाकुड़ में ही रह गए. गली मोहल्लों में घूम-घूम कर किसी से पका भोजन तो किसी से सूखा आहार मांग कर अपना पेट पाल रहे हैं. राजस्थान के इन लोगों ने फिलहाल अपना आशियाना नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड संख्या 11 बाग्तीपाड़ा में बनाया है.

ये भी पढ़ें-सावधान! कोरोना का फायदा उठा रहे साइबर क्रिमनल्स, पीएम केयर्स में भी लगाई सेंध

वहीं इनके खाने रहने की व्यवस्था को लेकर वार्ड पार्षद मोनिता कुमारी ने बताया कि हमारे पास कोई ऐसा फंड नहीं है जो इन परिवारों को दो वक्त का भोजन मुहैया करा सके. इस मामले को लेकर नगर परिषद कार्यपालक पदाधिकारी गंगाराम ठाकुर ने कहा कि हमें इसकी जानकारी नहीं है. सबका डिटेल्स मंगाया जाएगा और उन्हें भोजन मिल सके इस ओर उचित कदम उठाया जाएगा.

ABOUT THE AUTHOR

...view details