जयपुर. रेजीडेंट्स डॉक्टर्स और सरकार के बीच देर रात तक चली वार्ता विफल हो गई है. जिसके बाद रेजिडेंट्स का कार्य बहिष्कार जारी रहेगा. रेजिडेंट्स की वार्ता चिकित्सा शिक्षा सचिव वैभव गालरिया के साथ हुई, लेकिन ये वार्ता बेनतीजा (No result of residents and government talks) रही. जार्ड प्रतिनिधियों ने बताया कि बॉन्ड पॉलिसी को लेकर विसंगतियों को दूर नहीं किया जा रहा है. बॉन्ड नीति में छूट देने की मांग की जा रही है. कल एक बार फिर वार्ता की जाएगी.
रेजीडेंट चिकित्सक सरकार की बॉन्ड नीति के विरोध में उतर गए हैं और एसएमएस मेडिकल कॉलेज और इनसे जुड़े अस्पतालों में चिकित्सक संपूर्ण कार्य बहिष्कार पर चले गए हैं. हालांकि इससे इमरजेंसी, ट्रॉमा सेवाओं को दूर रखा गया है. जयपुर एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स का कहना है कि बॉन्ड नीति में कई खामियां हैं, जिसे दूर किया जाए.
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वर्ष 2013-14 में चिकित्सा शिक्षा विभाग ने रेजिडेंट चिकित्सकों को लेकर एक बॉन्ड नीति जारी की थी, जिसके तहत पीजी होने के पश्चात चिकित्सक को कुछ वर्ष सरकारी सेवा में नौकरी देनी होगी या फिर 25 लाख का बॉन्ड भरना होगा. लेकिन प्रदेशभर के रेजीडेंट चिकित्सक अब इस नीति के विरोध में उतर गए हैं. रेजीडेंट चिकित्सकों का कहना है कि हम बॉन्ड भरने को तैयार हैं, लेकिन बॉन्ड नीति बेहद जल्दबाजी में जारी की गई है. इसमें सुधार की जरूरत है. क्योंकि इससे रेजिडेंट चिकित्सकों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है.