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गहलोत सरकार के विज्ञापन से गायब सचिन पायलट, RTI के जरिए हुआ खुलासा - RTI के जरिए हुआ प्रदेश सरकार के विज्ञापन का खुलासा

प्रदेश के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने एक RTI के तहत हुए खुलासे में बताया कि दिसंबर 2018 से नवंबर 2019 के बीच 25.08 करोड़ रुपए का विज्ञापन दिया गया. जिसमें सिर्फ अशोक गहलोत की तस्वीरें थी. इसमें प्रदेश के डिप्टी सीएम सचिन पायलट को जगह नहीं दी गई. वहीं, ये खुलासा ऐसे समय में हुआ जब पार्टी के युवा और वरिष्ठ नेताओं के बीच आंतरिक द्वंद चल रहा है.

विज्ञापन से गायब सचिन पायलट,  Sachin Pilot missing from advertisement
विज्ञापन से गायब सचिन पायलट

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Published : Mar 14, 2020, 11:51 AM IST

जयपुर.राजस्‍थान की गहलोत सरकार ने एक साल का कार्यकाल पूरा करने पर करोड़ों रुपये के विज्ञापन के जरिये जनता की गाड़ी कमाई को अपने प्रचार-प्रसार में खर्च किया. सूचना का अधिकार कानून (RTI) के तहत दाखिल आवेदन के जवाब में प्रदेश के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग से जो आंकड़े सामने आए उसमे दिसंबर 2018 से नवंबर 2019 के बीच 25.08 करोड़ रुपये का विज्ञापन दिया गया.

गहलोत सरकार के विज्ञापन से गायब सचिन पायलट

इन विज्ञापनों में सिर्फ CM अशोक गहलोत की तस्‍वीरें थीं. डिप्‍टी सीएम सचिन पायलट की तस्‍वीरों को इन विज्ञापनों में जगह नहीं दी गई थी. यह खुलासा ऐसे समय हुआ है जब कांग्रेस के वरिष्‍ठ और युवा नेताओं के बीच द्वंद् की स्थिति बनी हुई है. मध्‍य प्रदेश में ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया ने कांग्रेस से इस्‍तीफा देकर BJP का दामन थाम लिया है. इसकी वजह पार्टी के बुजुर्ग और युवा नेताओं के बीच जारी अंतर्कलह को बताया जा रहा है. मध्‍य प्रदेश में जारी राजनीतिक उठा-पटक के बीच सिंधिया और सचिन पायलट की पार्टी में स्थिति की भी तुलना की जा रही है.

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एडवोकेट सहीराम गोदारा ने RTI अर्जी दाखिल कर राजस्‍थान के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग से प्रदेश सरकार की ओर से दिसंबर 2018 से नवंबर 2019 के बीच विज्ञापनों पर किए गए खर्च का ब्‍योरा मांगा था. उन्‍होंने विज्ञापनों में सीएम गहलोत और सचिन पायलट की तस्‍वीरों की जानकारी भी मांगी थी. इसके जवाब में जनसंपर्क विभाग ने बताया कि विभिन्‍न राष्‍ट्रीय और क्षेत्रीय अखबरों में दी गई अवधि के दौरान कुल 62 विज्ञापन दिए गए थे.

इनमें सिर्फ गहलोत सरकार की तस्‍वीरें होने की जानकारी दी गई. राजस्‍थान सरकार की ओर से दिए गए विज्ञापनों में डिप्‍टी सीएम सचिन पायलट को स्‍थान नहीं दिया गया. गहलोत के अलावा स्‍थान, तस्‍वीर की साइज और मौकों की सूचना भी दी गई. सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी विज्ञापनों को लेकर मई 2015 में पहली बार फैसला दिया था. इसमें शीर्ष अदालत ने ऐसे विज्ञापनों में सिर्फ राष्‍ट्रपति, प्रधानमंत्री और देश के मुख्‍य न्‍यायाधीश (CJI) की तस्‍वीरों का इस्‍तेमाल करने की ही व्‍यवस्‍था दी थी.

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जिसके बाद में सुप्रीम कोर्ट ने मार्च 2016 में इस फैसले को संशोधित किया था. संशोधित व्‍यवस्‍था के तहत सरकारी विज्ञापनों में राज्‍यपाल, मुख्‍यमंत्री के अलावा कैबिनेट और राज्‍यमंत्रियों का फोटो लगाने की भी अनुमति दे दी थी. हालांकि, इस मामले में सरकार की तरफ से कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं है.

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