जयपुर. सीकर के खंडेला में अधिवक्ता हंसराज मावलिया के आत्मदाह को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट सहित अधीनस्थ अदालतों की बार एसोसिएशन ने शुक्रवार को न्यायिक कार्य नहीं करने का निर्णय लिया है. राजस्थान हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के महासचिव गिर्राज प्रसाद शर्मा ने बताया कि बार सदस्यों को अनौपचारिक रूप से और स्वेच्छा से न्यायिक कार्य से दूर रहने को कहा गया (No judicial work in protest of advocate self immolation) है और इस संबंध में हाईकोर्ट प्रशासन को भी जानकारी दी गई है.
अधिवक्ता के आत्मदाह का मामला: वकील नहीं होंगे न्यायिक कार्यों में शामिल
राजस्थान हाईकोर्ट बार एसोसिएशन सहित अधीनस्थ अदालतों की बार एसोसिएशन ने शुक्रवार को न्यायिक कार्य नहीं करने का निर्णय लिया (No judicial work in courts) है. ये निर्णय सीकर के खंडेला में अधिवक्ता हंसराज मावलिया के आत्मदाह की घटना के चलते लिया गया है. एसोसिएशन ने मांग की है कि इस घटना के लिए जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारियों को तुरंत प्रभाव से निलंबित कर गिरफ्तार किया जाए.
एसोसिएशन की मांग है कि घटना के लिए जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारियों को तुरंत प्रभाव से निलंबित कर गिरफ्तार किया जाए. वहीं डिस्ट्रिक्ट एडवोकेट बार एसोसिएशन के महासचिव गजराज सिंह राजावत ने न्यायिक कार्य स्थगित करने की घोषणा करते हुए पीड़ित परिजनों को आर्थिक सहायता और नौकरी उपलब्ध कराने की मांग की है. इसी तरह दी बार एसोसिएशन जयपुर ने भी न्यायिक कार्य स्थगित करने की घोषणा की है. गौरतलब है कि गुरुवार को वकील हंसराज मावलिया ने अपने सुसाइड नोट में एसडीएम के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए आत्मदाह कर लिया था. वहीं बाद में इलाज के दौरान अधिवक्ता की मौत हो गई थी.
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