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नया फरमान: महिला पार्षदों के करीबी रिश्तेदारों की निकाय बैठक और क्रियाकलापों में 'नो एंट्री' - Order Issued For Rajasthan Lady Councillors

21 साल पहले जारी परिपत्र को आधार बना नया फरमान जारी किया (Order Issued For Jaipur Lady Councillors) गया है. जो भी इस नो एंट्री संबंधित आदेश की पालना नहीं करेगा उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. आखिर इसके पीछे की अहम वजह क्या है?

Jaipur Nagar Nigam
महिला पार्षदों के लिए नया फरमान

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Published : May 6, 2022, 11:33 AM IST

Updated : May 6, 2022, 12:46 PM IST

जयपुर.नगरीय निकायों (नगर निगम, नगर परिषद, नगर पालिका) (Rajasthan Municipal Corporations) की ऑफिशियल मीटिंग और क्रियाकलापों में अब महिला जनप्रतिनिधि के पति (No entry Of Lady Councillors husband ) और रिश्तेदार भाग नहीं ले सकेंगे. स्वायत्त शासन विभाग ने 21 साल पहले जारी एक परिपत्र का हवाला देते हुए ये आदेश जारी किए हैं. इन आदेशों को सख्ती से पालना कराने और उल्लंघन होने की स्थिति में संबंधित अधिकारी और कर्मचारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं.

आदेश की वजह ये!:वार्ड कार्यालय पर जन सुनवाई हो या क्षेत्र में लगे किसी भी कर्मचारी को दिशा निर्देश देने हों. महिला पार्षदों के पति/ पिता/ पुत्र या अन्य किसी रिश्तेदार का हस्तक्षेप रहता है. कई बार तो ये अधिकारियों तक को हिदायत दे डालते हैं. इसे लेकर समय-समय पर निकायों के कई अधिकारी और कर्मचारी उच्च स्तर पर शिकायत भी कर चुके हैं. हालांकि महिला जनप्रतिनिधियों के पति और निकट रिश्तेदारों ने बीते दिनों राज्य सरकार पर दबाव बनाते हुए बैठकों में हिस्सा लेने की अनुमति भी मांगी थी.

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इस पर अब स्वायत्त शासन विभाग ने एक परिपत्र जारी करते हुए स्पष्ट कर दिया है (Order Issued For Rajasthan Lady Councillors) कि निकायों से जुड़ी हुई किसी भी बैठक या क्रियाकलाप में महिला जनप्रतिनिधि के पति या रिश्तेदार हिस्सा लेने के लिए अधिकृत नहीं हैं. ऐसे में उन्हें न तो बैठकों में भाग लेने की अनुमति दी जाए, और न ही बैठकों के क्रियाकलापों में दखलअंदाजी करने की अनुमति दी जाए. विभाग के मुताबिक 21 साल पहले भी ऐसा ही परिपत्र जारी किया गया था. फिलहाल अधिकारी कर्मचारियों को ताकीद की गई है कि अगर इन आदेशों का उल्लंघन होता है, तो संबंधित व्यक्ति के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.

पुरुष सदस्यों की दखलअंदाजी:आपको बता दें कि राजस्थान में नगर पालिका के चुनाव में महिलाओं को 33 फ़ीसदी आरक्षण है. चुनाव के वक्त नगरीय निकायों में महिला जन प्रतिनिधि निर्वाचित तो होती हैं, लेकिन कई महिला जनप्रतिनिधि जो कम पढ़ी-लिखी हैं या राजनीति में अपने पति या रिश्तेदारों के भरोसे उतरती हैं उन्हें राज्य कार्य को संचालित करने में परेशानी आती है. इसे देखते हुए नगर निगम, परिषद और पालिकाओं के क्रियाकलापों और बैठकों में उनके पति या कोई और नजदीकी रिश्तेदार सक्रिय रूप से हस्तक्षेप करते हैं, जो अधिकृत नहीं (Ban On Close Relatives Entry To Rajasthan Municipal Corporation Meet) है. ऐसे में अब इन पर सख्ती के साथ रोक लगाई गई है.

Last Updated : May 6, 2022, 12:46 PM IST

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