जयपुर.प्रदेश के मुखिया अशोक गहलोत ने स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों पर से पढ़ाई का बोझ कुछ हद तक कम करने के उद्देश्य से शनिवार को 'नो बैग डे' मनाए जाने की बजट में घोषणा की थी. शनिवार को स्कूलों में पढ़ाई की जगह पाठ्योत्तर गतिविधियां कराए जाने का निर्णय लिया गया. हालांकि शिक्षा विभाग की ओर से इस संबंध में आदेश जारी नहीं हुए हैं. बावजूद इसके शनिवार को राजधानी के कई स्कूलों में छात्र बिना बैग के पहुंचे. ऐसी स्थिति में ना तो छात्रों की पढ़ाई हुई, ना वार्षिक परीक्षा के मद्देनजर रेमेडियल क्लासेस और बाल सभा भी समय से पहले ही कर दी गई.
वहीं शिक्षक संघ के नेता विपिन प्रकाश ने आदेश से पहले 'नो बैग-डे' मनाए जाने वाले स्कूलों के प्राचार्य को कटघरे में खड़ा किया. उन्होंने बताया कि कोई भी बजट पारित होता है, तो नए वित्तीय वर्ष के लिए पारित होता है और इसके लिए भी विभागीय अधिकारी आदेश जारी करते हैं, जिसकी समीक्षा के बाद नियम लागू होता है, लेकिन शहर के कुछ स्कूलों के प्राचार्य ने शनिवार को 'नो बैग-डे' लागू कर दिया, जो अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है. उन्होंने ऐसे प्राचार्य पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की.