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विश्व महिला समानता दिवस : महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक कर रही है निर्भया स्क्वायड टीम

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Published : Aug 26, 2020, 3:48 PM IST

जयपुर में विश्व महिला समानता दिवस के अवसर पर निर्भया स्क्वायड टीम घर-घर जाकर महिलाओं को जागरूक कर रही है. साथ ही उन्हें उनके अधिकारों के बारे में भी जानकारी दे रही है. इस अवसर पर निर्भया स्क्वायड टीम की नोडल अधिकारी और एडिशनल डीसीपी सुनीता मीणा ने बताया कि हमने प्रण लिया था कि जयपुर की हर बच्ची और महिला की रक्षा करेंगे.

जयपुर की निर्भया स्क्वायड टीम, Nirbhaya Squad Team of Jaipur
निर्भया स्क्वायड टीम ने महिलाओं को बताए उनके अधिकार

जयपुर.26 अगस्त को विश्व महिला समानता दिवस मनाया जा रहा है. इस अवसर पर जयपुर पुलिस कमिश्नरेट की निर्भया स्क्वायड टीम महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूकता का संदेश दे रही है.

निर्भया स्क्वायड टीम ने महिलाओं को बताए उनके अधिकार

निर्भया स्क्वायड टीम घर-घर जाकर महिलाओं को उनके अधिकारों के बारे में जानकारी देकर जागरूक करने का काम कर रही है. साथ ही महिलाओं को बताया जा रहा है कि उनके क्या अधिकार हैं. महिलाओं को उनके समानता के अधिकार को लेकर भी जागरूक किया गया. निर्भया स्क्वायड टीम की नोडल अधिकारी और एडिशनल डीसीपी सुनीता मीणा ने बताया कि विश्व महिला समानता दिवस है. इस अवसर पर ऐसी महिलाओं से मिलेंगे जो अपने अधिकारों के प्रति जागरूक नहीं हैं.

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महिलाओं को जानकारी दी जाएगी कि उन्हें समानता के क्या-क्या अधिकार दिए गए हैं. महिलाओं के अधिकारों को लेकर चर्चा करके जागरूक किया जाएगा. साथ ही बालिकाओं को भी जागरूक किया जाएगा. वैसे तो काफी दिनों से महिलाओं के प्रति निर्भया स्क्वायड टीम काम कर रही है. सुनिता मीणा ने बताया कि हमने प्रण लिया था कि जयपुर की हर बच्ची और महिला की रक्षा करेंगे और उनको जागरूक करेंगे. महिलाओं और बच्चियों को सेल्फ डिफेंस के गुर भी सिखाए जा रहे हैं. महिलाएं मजबूत होंगी तो घर से बाहर निकलने में बिल्कुल भी नहीं डरेंगी.

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महिला समानता दिवस के अवसर पर घर-घर जाकर यह संदेश दिया जा रहा है और अपील की जा रही है कि आप निर्भय रहिए क्योंकि निर्भया आपके साथ हैं. उन्होंने बताया कि संविधान ने महिलाओं को समानता का अवसर उपलब्ध करवाया है, लेकिन अभी भी जागरूकता का अभाव है.

जो लोग शिक्षित हैं वह तो अपनी बच्चियों को पढ़ा लिखा कर आगे बढ़ा रहे हैं, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जो गांव में रहते हैं और शिक्षा के अभाव के चलते अपनी बच्चियों को आगे नहीं पढ़ा पाते हैं. यह वर्ग अभी भी आधुनिकीकरण की तरफ नहीं बढ़ पा रहा है. ऐसे वर्ग के लोगों को यह बताना बहुत जरूरी है कि समाज में आगे बढ़ना है तो समानता का अधिकार पाने के लिए गिड़गिड़ाना नहीं है. महिलाएं अगर मजबूत होंगी तो वह सामाजिक हो, आर्थिक हो या राजनीति हर क्षेत्र में किसी से कम नहीं रहेंगी.

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