जयपुर.मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को कोरोना संक्रमण को लेकर उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की. इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कोरोना संक्रमण के खतरे को कम करने के लिए 31 मई के बाद भी प्रदेश में रात्रिकालीन कर्फ्यू जारी रखा जाए. इसमें किसी तरह की शिथिलता नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि कंटेनमेंट क्षेत्र का पुनः निर्धारण एक्टिव केसेज की संख्या के अनुसार किया जाए, जिससे केवल संक्रमित क्षेत्र में ही कर्फ्यू जारी रखा जाए.
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बैठक में सीएम गहलोत ने कहा कि हेल्थ प्रोटोकॉल की पालना सख्ती से हो. इसमें कोई भी अपना अहम आडे़ नहीं आने दे, चाहे वे वीआईपी ही क्यों न हो. उन्होंने अपील की है कि सभी प्रदेशवासी बार-बार हाथ धोते रहें, मास्क पहनें और सामाजिक दूरी के नियम की पूरी पालना करें. हेल्थ प्रोटोकॉल की पालना करके ही हम कोरोना से जंग जीत सकेंगे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रशासन हेल्थ प्रोटोकॉल की सख्ती से पालन के लिए कैमरों सहित अन्य माध्यमों से प्रभावी निगरानी करें. साथ ही निर्देश दिए हैं कि राजस्थान महामारी अध्यादेश के तहत लागू जुर्माने के प्रावधानों में किसी तरह की शिथिलता न बरती जाए. ये लोगों के जीवन की रक्षा और स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है.
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बैठक में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा, मुख्य सचिव डीबी गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) राजीव स्वरूप, अतिरिक्त मुख्य सचिव (उद्योग) सुबोध अग्रवाल, अतिरिक्त मुख्य सचिव (सार्वजनिक निर्माण) वीनू गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव (वित्त) निरंजन आर्य और सूचना एवं जनसम्पर्क आयुक्त महेन्द्र सोनी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.
जिला अस्पताल से लेकर सब सेंटर तक हो बेहतरीन हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर
सीएम गहलोत ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन सहित कई विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि जुलाई-अगस्त में कोरोना का दूसरा दौर अधिक संकट पैदा कर सकता है. ऐसे में प्रदेश के जिला अस्पतालों से लेकर सब सेंटर तक मजबूत हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाए, जिससे गांव के लोगों को छोटी बीमारियों के इलाज के लिए शहर तक न आना पडे़. उन्होंने कहा कि विधायकों से इस संबंध में सुझाव लेकर स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप चिकित्सा सुविधाएं विकसित की जाएं.
निजी अस्पतालों में नि:शुल्क इलाज के लिए जारी करें एडवाइजरी
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना पॉजिटिव मरीजों को नि:शुल्क इलाज उपलब्ध कराने के लिए निजी अस्पताल मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए अपनी नैतिक जिम्मेदारी निभाएं. साथ ही मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सर्वोच्च न्यायालय की भावना के अनुरूप निजी अस्पतालों में कोरोना मरीजों के नि:शुल्क इलाज के लिए एक एडवाइजरी जारी की जाए. जो भी अस्पताल इसका उल्लंघन करें, उसके खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान हो.
बच्चों के टीकाकरण अभियान में ना रहे कोई कमी
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 के इस दौर में बच्चों के टीकाकरण अभियान में किसी तरह की कमी ना रहे. प्रदेश के राजकीय चिकित्सालयों में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं की समुचित उपलब्धता सुनिश्चित की जाए. कोरोना महामारी की वजह से आमजन को असाध्य और अन्य सामान्य बीमारियों के उपचार को लेकर किसी परेशानी का सामना ना करना पडे़.
अन्य राज्यों के मुकाबले राजस्थान की स्थिति बेहतर
अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य रोहित कुमार सिंह ने बताया कि कोरोना संक्रमण को लेकर राजस्थान की स्थिति अन्य राज्यों के मुकाबले बेहतर है. यहां पिछले 6 दिनों में एक्टिव केसेज की संख्या स्थिर है और रिकवरी रेट बढ़ा है. इसी तरह पिछले 3 दिनों में प्रवासियों सहित सभी पॉजिटिव केसेज की संख्या घटी है. साथ ही शहरी इलाकों में कर्फ्यू क्षेत्रों की संख्या में कमी आई है.