Jaipur: भयावह हैं हादसों के ये आंकड़े, 3 साल में 261 ने तोड़ा दम...कारण जान रह जायेंगे हैरान - lack of Traffic police cops
राजधानी की सड़कों पर दोपहर में यातायात दबाव (Traffic Pressure In Jaipur) लगातार बढ़ता जा रहा है जिसके चलते शहर में अलग-अलग स्थानों पर यातायात जाम की स्थिति बनी रहती है. दूसरी ओर यदि बात रात के वक्त की करें तो दोपहर की तुलना में रात के वक्त की स्थिति बिल्कुल अलग है. दबाव कम रहता है पुलिस की तैनाती कम रहती है और लापरवाही हद से ज्यादा! जिसके चलते हादसों में बढ़ोतरी हो रही है.
लापरवाही और स्टाफ की कमी!
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Published : Feb 17, 2022, 9:30 AM IST
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Updated : Feb 17, 2022, 12:10 PM IST
जयपुर. रात 10 बजे बाद राजधानी की सड़कों पर यातायात दबाव (Traffic Pressure In Jaipur) बहुत कम हो जाता है. ऐसे में सूनी सड़कों पर लोग लापरवाही बरतते हुए तेज गति में अपने वाहन दौड़ाते हैं और हादसों का शिकार हो जाते हैं. पिछले 3 वर्षों में राजधानी जयपुर में रात 10 बजे से लेकर सुबह 8 बजे तक सड़क हादसों (Night Accident statistics on rise In Jaipur) में कुल 261 लोगों ने अपनी जान गंवाई है. गंभीर रूप से जख्मी लोगों की तादाद इससे कहीं अधिक है.
पुलिस का नहीं रहता खौफ तो बढ़ते हैं हादसे: जयपुर ट्रैफिक पुलिस के जवान सुबह 9 बजे से लेकर रात 10 बजे तक शहर के अलग-अलग मार्गों पर तैनात रहते हैं. वहीं रात 10 बजे से लेकर सुबह 9 बजे तक पुलिस कर्मियों की गैरमौजूदगी में ही सर्वाधिक सड़क हादसे होते हैं.
राजधानी की सड़कों पर हादसे रात में क्यों?
राजधानी में रात के वक्त होने वाले सड़क हादसों की गहनता से जांच करने के बाद जयपुर ट्रैफिक पुलिस (Jaipur Traffic Police) ने शहर में 32 ब्लैक स्पॉट चिन्हित किए हैं. इन ब्लैक स्पॉट पर ही पुलिस कर्मियों की गैरमौजूदगी में बीते 3 वर्षों में छोटे-बड़े 829 सड़क हादसे दर्ज किए गए हैं. जिसमें 261 लोगों की मौत हुई है तो वहीं 657 लोग घायल हुए हैं.
3 वर्षों में रात 10 बजे से सुबह 8 बजे तक हुए सड़क हादसों का आंकड़ा:
वर्ष
सड़क हादसे
घायल
मौत
2019
288
220
72
2020
156
128
59
2021
385
309
130
35 लाख वाहनों पर मात्र 1350 पुलिसकर्मी:राजधानी में 35 लाख वाहन रजिस्टर्ड है जबकि जयपुर ट्रेफिक पुलिस के बेड़े में मात्र 1350 पुलिसकर्मी ही मौजूद हैं. जयपुर ट्रैफिक पुलिस काफी लंबे समय से नफरी की कमी से जूझ रही है, जिसे लेकर पुलिस मुख्यालय को भी जयपुर के आला अधिकारियों ने अनेक बार अवगत करवाया है. जयपुर ट्रैफिक पुलिस में तैनात 1350 जवानों में से 150 जवान तो केवल मॉनिटरिंग के काम में ट्रैफिक कंट्रोल रूम, डीसीपी कार्यालय व अन्य कार्यालयों में तैनात हैं.
रात के समय होने वाले सड़क हादसों को लेकर डीसीपी ट्रैफिक श्वेता धनखड़ का कहना है कि नफरी की कमी के चलते रात के वक्त सड़क पर ट्रैफिक पुलिस कर्मियों की ड्यूटी लगा पाना संभव नहीं है. हालांकि जिन ब्लैक स्पॉट पर सर्वाधिक सड़क हादसे घटित होते हैं वहां पर नाकाबंदी करके या फिर स्पीड गन व इंटरसेप्टर तैनात करके समय-समय पर यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों के विरुद्ध कार्रवाई की जाती है. हालांकि रात के वक्त जितने भी सड़क हादसे घटित होते हैं उनके पीछे का मुख्य कारण तेज रफ्तार होती है.