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मास्क को लेकर कंपनियों की सांठगांठ, सरकार को बेचा 88 पैसे का मास्क 6.50 रुपए में, अब अफसर लगे बचाने में

प्रदेश में मास्क को लेकर कंपनियों की सांठगांठ का मामला सामने आया है. राजस्थान मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन लिमिटेड को सप्लाई करने वाली 3 कंपनियों ने भी पहले तो मास्क की किल्लत बताकर आपूर्ति रोकी और फिर अन्य कंपनियों से सांठगांठ कर मास्क के दाम बढ़ा दिए.

मास्क को लेकर कंपनियों की सांठगांठ, Rajasthan News
मास्क को लेकर कंपनियों की सांठगांठ

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Published : May 17, 2020, 12:47 AM IST

जयपुर. कोरोना वायरस की दस्तक जैसे ही राजस्थान में हुई तो एकाएक मास्क के दामों में बढ़ोतरी हो गई. जहां बाजार में 50 फीसदी महंगे यह मास्क बिकने लगे, तो वहीं राजस्थान मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन लिमिटेड को सप्लाई करने वाली 3 कंपनियों ने भी पहले तो मास्क की किल्लत बताकर आपूर्ति रोकी और फिर अन्य कंपनियों से सांठगांठ कर मास्क के दाम बढ़ा दिए.

दरअसल, मामला राजस्थान मेडिकल सर्विस कॉरपोरेशन लिमिटेड से जुड़ा हुआ है. यहीं से अस्पतालों के लिए सर्जिकल आइटम खरीदे जाते हैं. इसके तहत आरएमएससीएल को आपूर्ति होने वाले ट्रिपल लेयर मास्क की आपूर्ति तीन कंपनियों ने मार्च महीने में ही रोक दी और इसका कारण बताया गया मास्क की किल्लत.

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दरअसल, फार्म लाइफ लाइन सर्जिकेम, सारा हेल्थ केयर प्राइवेट लिमिटेड और AMKAY प्रोडक्ट प्राइवेट लिमिटेड आरएमएससीएल को 88 पैसे प्रति पीस में ट्रिपल लेयर मास्क की आपूर्ति करती थी. लेकिन मार्च माह में इन तीनों कंपनियों ने मास्क की किल्लत पता कर आपूर्ति रोक दी. ऐसे में आरएमएससीएल को कोरोना संकट देखते हुए आनन-फानन में 20 लाख मास्क के लिए टेंडर करने पड़े. ऐसे में टेंडर के दौरान इन कंपनियों ने सांठगांठ करके मास्क के दाम 6 रुपए 50 पैसे तक पहुंचा दिए.

ऐसे में जब मामले की पूरी जानकारी जुटाई गई तो उच्च अधिकारियों के निर्देश के बाद इन तीनों कंपनियों को ब्लैक लिस्ट कर कार्रवाई करने के आदेश जारी किए गए. आरएमएससीएल इन फर्मों से एक करोड़ तक की रिकवरी करने की तैयारी में जुट गई है.

अफसर लगे बचाने में

उच्च अधिकारियों के निर्देश के बाद इन तीनों फॉर्म पर कार्रवाई की तैयारी की जा रही है. लेकिन विभाग के ही कुछ अफसर अब इन कंपनियों को बचाने में जुट गए हैं. दरअसल जो टेंडर किए गए हैं उनके नियमों में कुछ बदलाव करके इन कंपनियों को बचाने की तैयारी की जा रही है. इन तीनों डिफाल्टर फर्मों को जून 2020 तक सप्लाई देनी थी. मास्क की किल्लत दर्शा कर इन्होंने मार्च से ही आपूर्ति रोक दी, ऐसे में जो नए टेंडर मास्क की खरीद को लेकर दिए गए हैं उनके नियमों में बदलाव करके कंपनी को फायदा पहुंचाने की बात भी सामने आई है. अगर ऐसा होता है तो कंपनियों से रिकवरी के रूप में वसूले जाने वाली राशि में रियायत मिल सकती है.

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