जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट में मंगलवार को बसपा विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने के खिलाफ बसपा और भाजपा विधायक मदन दिलावर की ओर से दायर याचिकाओं पर बहस अधूरी रही. न्यायाधीश महेंद्र गोयल ने अब मामले की सुनवाई 13 अगस्त को रखी है. इसके साथ ही अदालत ने मामले में कांग्रेस की ओर से पेश पक्षकार की अर्जी को स्वीकार कर लिया है.
स्पीकर के वकील प्रतीक कासलीवाल मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया कि मामले में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में भी ट्रांसफर याचिका और एसएलपी पर सुनवाई होनी है. इस पर एकलपीठ ने मामले की सुनवाई दोपहर 2 बजे तक टाल दी. वहीं, सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टलने के बाद करीब 2 बजे एकलपीठ में मामले पर फिर से सुनवाई की गई.
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शुरुआत में कांग्रेस की ओर से पक्षकार बनने की अर्जी पर बहस की गई. जिसका विरोध करते हुए बसपा की ओर से कहा गया कि पक्षकार बनने की अर्जी सिर्फ सुनवाई में देरी के लिए पेश की गई है. हालांकि बाद में कोर्ट ने अर्जी को मंजूर कर लिया. वहीं, बसपा की ओर से कहा गया कि बसपा विधायकों ने स्पीकर को पार्टी के कांग्रेस में मर्जर की सूचना मात्र दी थी.
ऐसे में केवल विधायकों के कहने मात्र से पार्टी का मर्जर कैसे कर दिया गया. जबकि इसके लिए पार्टी स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं की गई थी. ऐसे में स्पीकर ने क्षेत्राधिकार के बाहर जाकर मर्जर का आदेश दिया है. वहीं, स्पीकर की ओर से कहा गया कि उनके समक्ष मदन दिलावर की ओर से पेश याचिका को तकनीकी आधार पर ही खारिज किया गया था. ऐसे में जब तक उनकी ओर से मेरिट के आधार पर याचिका का निस्तारण नहीं किया जाता, तब तक कोर्ट को इसमें दखल की जरूरत नहीं है. अदालती समय पूरा होने के चलते अदालत ने मामले की सुनवाई 13 अगस्त को रखी है.