जयपुर.राजधानी की सड़कों पर ट्रैफिक जाम की समस्या विकराल होती जा रही है. तमाम सड़कें अत्यधिक यातायात दबाव के चलते व्यस्त रहने लगी हैं. यातायात को सुगम बनाने के लिए जयपुर ट्रैफिक पुलिस लगातार प्रयास कर रही है. राजधानी जयपुर के तमाम प्रमुख मार्ग, चौराहे और तिराहे पर ट्रैफिक सिग्नल लगे हुए हैं, जो कि सुबह 7 बजे से लेकर रात 11 बजे तक ट्रैफिक व्यवस्था को सुगम बनाए रखते हैं.
जयपुर में विभिन्न स्थानों पर यातायात दबाव के चलते ट्रैफिक सिग्नल लगाने का कार्य प्रस्तावित है... रात 11 बजे बाद अधिकांश ट्रैफिक सिग्नल ब्लिंकर के रूप में काम करते हैं, जो वाहन चालकों को सचेत होकर चलने का संदेश देते हैं. कई जगह ट्रैफिक सिग्नल नहीं होने के चलते ट्रैफिक पुलिसकर्मियों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ती थी. आए दिन जाम की स्थिति रहती थी, लेकिन अब ट्रैफिक सिग्नल के चलते जाम की समस्या का समाधान होने के साथ ही पुलिस को भी बड़ी राहत मिली है.
ट्रैफिक सिग्नल से वाहन चालकों को राहत...
एडिशनल पुलिस कमिश्नर राहुल प्रकाश का कहना है कि कई मार्ग ऐसे हैं, जहां पर यातायात दबाव अत्यधिक है. वहां ट्रैफिक पुलिसकर्मी द्वारा यातायात का संचालन करा पाना बेहद मुश्किल टास्क है. लेकिन, ट्रैफिक सिग्नल के माध्यम से ट्रैफिक मैनेजमेंट करना काफी सरल हो गया है. ट्रैफिक सिग्नल की दृश्यता भी अधिक होती है, जिसके चलते वाहन चालकों को वाहन चलाने में आसानी रहती है. राजधानी जयपुर के तमाम तिराहों और चौराहों पर यातायात ट्रैफिक लाइट के द्वारा ही संचालित किया जा रहा है. जहां ट्रैफिक सिग्नल इंस्टॉल नहीं है, वहां पर जल्द से जल्द ट्रैफिक सिग्नल लगाने की कवायद की जा रही है. अजमेर रोड, आगरा रोड और दिल्ली रोड पर अनेक स्थानों पर यातायात दबाव के चलते ट्रैफिक सिग्नल लगाने का कार्य प्रस्तावित है.
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नियम तोड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई...
एडिशनल पुलिस कमिश्नर राहुल प्रकाश के मुताबिक, राजधानी में ट्रैफिक सिग्नल के खराब होने पर यातायात संचालन में समस्या उत्पन्न होती है. ट्रैफिक पुलिसकर्मियों द्वारा यातायात का संचालन सुगम करने का पूरा प्रयास किया जाता है. ट्रैफिक सिग्नल के खराब होने पर वाहन चालकों में भी असमंजस की स्थिति बनी रहती है.यदि कोई वाहन चालक ट्रैफिक पुलिसकर्मी द्वारा दिए गए निर्देशों की अवहेलना करता है, तो उसके खिलाफ एक्शन भी लिया जाता है.
ट्रैफिक कंट्रोल बोर्ड को भेजे जाते हैं प्रस्ताव...
एडिशनल पुलिस कमिश्नर राहुल प्रकाश ने बताया कि नए स्थान पर जब ट्रैफिक सिग्नल लगाना होता है, तो उसका प्रस्ताव ट्रैफिक कंट्रोल बोर्ड को भेजा जाता है. ट्रैफिक कंट्रोल बोर्ड की बैठक में इसको लेकर चर्चा की जाती है और फिर जेडीए द्वारा इन ट्रैफिक सिग्नल को लगाया जाता है. ट्रैफिक सिग्नल के मेंटेनेंस का काम एक निजी कंपनी को दिया गया है. यदि कहीं पर भी किसी तरह की कोई समस्या ट्रैफिक सिग्नल में आती है, तो उसे तुरंत सही करने का काम किया जाता है.
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सचेत करते ब्लिंकर्स...
ट्रैफिक संचालन में ब्लिंकर्स का अपना महत्व है. शहर में जिन स्थानों पर यैलो ब्लिंकर्स लगे हैं, वहां पर वाहन चालक को अपने वाहनों को धीमा करके रास्ता पार करना होता है. यदि कोई वाहन चालक ब्लिंकर्स को अनदेखा करता है, तो उसके खिलाफ एमवी एक्ट में कार्रवाई करने का प्रावधान है. शहर में जो मार्ग, मुख्य मार्ग से छोटी सड़क पर आकर मिलता है, वहां रेड ब्लिंकर्स लगे हुए हैं.
रेड ब्लिंकर्स पर वाहन चालक को रोककर यह सुनिश्चित करना होता है कि दूसरी तरफ से कोई वाहन तो नहीं आ रहा. वाहन चालक को यातायात नियमों और ब्लिंकर्स को लेकर ध्यान होना जरूरी है. जब व्यक्ति वाहन के लाइसेंस के लिए आवेदन करता है, तो उस वक्त यातायात नियमों, यातायात के तमाम संकेतों और ब्लिंकर्स को लेकर उसकी परीक्षा भी ली जाती है. जिसका मुख्य उद्देश्य वाहन चालक को यातायात नियमों और सड़क पर लगाए गए संकेतकों की जानकारी देना होता है.