जयपुर. प्रदेश में 'ट्रैवलिंग इन राजस्थान' थीम पर नई पर्यटन नीति का ड्राफ्ट तैयार किया गया है. मुख्यमंत्री के अनुमोदन के बाद जल्द ही प्रदेश की नई पर्यटन नीति जारी कर दी जाएगी. राजस्थान को पर्यटन का पायोनियर कहा जाता है. पिछले 5 महीने से देश दुनिया में कोरोना के चलते कितनी समस्या सामने आई है. वह किसी से छुपा नहीं है. प्रदेश का संपन्न और समृद्ध पर्यटन ढांचा भी चरमरा गया है. अरबों रुपए का व्यवसाय खत्म हो गया. पर्यटन उद्योग हाशिए पर आ गया है. लाखों लोग बेरोजगार हो गए हैं. वहीं होटल, उद्योग और पर्यटन से जुड़े वेंडर, टैक्सी चालक, गाइड और लोक कलाकार के सामने भी रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है.
घटनाक्रम के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पर्यटन ढांचे को दोबारा खड़ा करने के लिए विभाग के जिम्मेदार अफसर और पर्यटन उद्योग से जुड़े विषय विशेषज्ञ के साथ बैठक की और नई पर्यटन नीति लाने के निर्देश भी दिए. इस नीति को बिजनेस फ्रेंडली , टूरिस्ट अट्रैक्शन से लबरेज और पर्यटन उद्योग को विभिन्न रियासतों का समावेश करते हुए तैयार करने को कहा गया था. इसके बाद पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव आलोक गुप्ता और उनकी टीम ने पर्यटन नीति का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है. इस ड्राफ्ट को मुख्यमंत्री के अनुमोदन के लिए भेजा जा रहा है.
मुख्यमंत्री के अनुमोदन के बाद इस नीति को इसी सप्ताह जारी कर दिया जाएगा. दरअसल प्रदेश में 1 सितंबर से नया पर्यटन सत्र शुरू हो जाता है. ऐसे में नई नीति को पर्यटन सत्र के पहले दिन ही प्रदेश में लागू करने की योजना है. नई नीति में आईकॉनिक मोनुमेंट्स और हेरिटेज क्षेत्र पर फोकस किया गया है. स्पेशल हेरिटेज गांव तैयार करने क्राफ्ट गांव तैयार करने पर जोर दिया गया है. इसके अलावा मरू पर्यटन एडवेंचर, टूरिज्म वाइल्डलाइफ एंड इको टूरिज्म, ट्रैवल टूरिज्म सांस्कृतिक पर्यटन, क्राफ्ट ऑफ भंजन पर्यटन वीकेंड गेटवे टूरिज्म धार्मिक पर्यटन, शादी पर्यटन टूरिज्म और ग्रामीण पर्यटन पर्यटन को लेकर नई नीति में विभिन्न प्रावधान किए गए हैं.