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सिंधी कैंप बस स्टैंड की नई बिल्डिंग का निर्माण लगभग पूरा, नए रोडवेज CMD ने किया निरीक्षण...

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Published : Nov 4, 2020, 5:42 PM IST

सिंधी कैंप बस स्टैंड के नई बिल्डिंग का पुनः निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है. हालांकि पूरा बस स्टैंड तो नए सिरे से नहीं बनाया जा सका है, लेकिन एक हिस्सा बनकर तैयार है. इसे बने हुए 2 साल से ज्यादा समय बीत चुका है, लेकिन रोडवेज प्रशासन इसे शुरू नहीं कर पा रहा है. रोडवेज के नए सीएमडी राजेश्वर सिंह ने बुधवार को बस स्टैंड का दौरा किया और यहां के हालातों की जानकारी ली.

Jaipur's Sindhi Camp Bus Stand, Rajasthan Roadways CMD Rajeshwar Singh
सिंधी कैंप बस स्टैंड की नई बिल्डिंग का निर्माण लगभग पूरा

जयपुर. राजधानी में सिंधी कैंप बस स्टैंड की नई बिल्डिंग का पुनर्निर्माण कार्य पूरा हो चुका है. भले ही यह कार्य 100 फीसदी पूरा नहीं हुआ हो, लेकिन भवन का निर्माण पूरा कर लिया गया है. यह निर्माण बस संचालन के लिए पूरी तरह से तैयार है, लेकिन प्रशासनिक और राजनीतिक अड़चनों के चलते निर्माण पूरा होने के 2 साल बीतने पर भी शुरू नहीं हो पा रहा है.

सिंधी कैंप बस स्टैंड की नई बिल्डिंग का निर्माण लगभग पूरा

दरअसल सिंधी कैंप के पुनर्निर्माण का कार्य मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पिछले कार्यकाल में शुरू कराया था. 7 साल पहले सितंबर 2013 में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसका शिलान्यास किया था. तब योजना यह थी कि 50 करोड़ की लागत से तीन मंजिला बस स्टैंड मनाया जाएगा. इसके बाद बीजेपी सरकार में कई बदलावों के साथ बस स्टैंड निर्माण की योजना बनाई गई. तब पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने इसे तीन मंजिला से बढ़ाकर 13 मंजिला कर बजट 50 करोड़ से बढ़ाकर 110 करोड़ करने की योजना बनाई थी, लेकिन पूर्ववर्ती सरकार में किया गया काम आगे नहीं बढ़ सका.

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भाजपा सरकार में 5 साल तक बस स्टैंड तो नया बनाया गया, लेकिन भवन खंडर स्थिति में ही रहा. इसके बाद पूर्व सीएम राजे ने अपने कार्यकाल के चौथे साल में सिंधी कैंप का कार्य पूरा करने के लिए 20 करोड़ का अनुदान जारी किया था. इसी राशि से इसका निर्माण शुरू किया गया, लेकिन नई बिल्डिंग शुरू नहीं हो पाई.

नए भवन में यात्रियों के लिए यह है सुविधा...

  • नए भवन में बेसमेंट में दुपहिया और कार पार्किंग बनाई गई है
  • कार पार्किंग भवन में अंडरग्राउंड में भी होगी, 70 कार पार्क की छमता
  • ग्राउंड फ्लोर से संचालित होंगी बसे, 178 बसों की पार्किंग वे बनाए गए
  • सुपर लग्जरी और डीलक्स बसें ही संचालित होंगी नए भवन से
  • दिल्ली, लखनऊ ,उदयपुर, अहमदाबाद, शिमला, माउंट आबू, जोधपुर जैसे बड़े शहरों को जोड़ेंगे बसे
  • रोडवेज में डीलक्स डिपो में फिलहाल 80 बसें हो रही हैं संचालित
  • भवन के फर्स्ट फ्लोर पर 18 दुकानें बनाई , यहां यात्री कर सकेंगे शॉपिंग
  • सेकंड फ्लोर पर होटल और रेस्टोरेंट विकसित होंगे, यात्री ठहर सकेंगे और ले सकेंगे खानपान का लुफ्त
  • भवन के पिछले हिस्से में पारीक कॉलेज की तरफ से भी निकास द्वार है संभव
  • बेसमेंट पार्किंग में 700 दुपहिया तक वाहन पार्क की है छमता

रोडवेज के नए सीएमडी ने दौरा कर जताई नाराजगी...

निरंजन आर्य के सीएस बनने के बाद राजस्थान की ब्यूरोक्रेसी में बदलाव किए गए थे, जिसमें 21 आईएएस अधिकारियों को इधर से उधर किया गया. ऐसे में राजस्थान रोडवेज के नए सीएमडी का कार्य राजेश्वर सिंह को दिया गया. ऐसे में राजेश्वर सिंह ने दो दिन पहले ही नए सीएमडी का पदभार संभाला है. सीएमडी का पदभार संभालने के साथ ही राजेश्वर सिंह सिंधी कैंप बस स्टैंड का दौरा करने पहुंचे. वहां पर उन्होंने यात्रियों की सुविधाओं का जायजा लिया.

राजेश्वर सिंह ने दौरे के दौरान सिंधी कैंप बस स्टैंड पर बनी नई बिल्डिंग को लेकर काफी नाराजगी जताई. इस दौरान राजेश्वर सिंह ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि इस बिल्डिंग में डिजाइन डिफेक्ट है और बिल्डिंग के अंतर्गत जो दुकानें बनाई गई हैं, वह यदि ग्राउंड फ्लोर पर होती तो उनका रोडवेज अच्छी तरह से उपयोग कर सकता था. इनसे रोडवेज को एक अच्छी आई भी प्राप्त होती.

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राजेश्वर सिंह ने कहा कि अब तो यह बिल्डिंग बनकर तैयार हो गई हैं. ऐसे में उन्होंने अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए हैं कि यहां पर जो भी उपचार होते हुए जो कार्रवाई हो सकती है, उसे जल्द से जल्द की जाए और इस बिल्डिंग किया उपयोग किया जाए. वहीं, राजेश्वर सिंह ने रोडवेज की स्थिति और कर्मचारियों को समय पर तनख्वाह नहीं मिलने को लेकर भी स्थिति साफ की. राजेश्वर सिंह ने कहा कि राजस्थान रोडवेज का जो प्रतिदिन का घाटा है, वह रोजाना बढ़ता जा रहा है.

राजेश्वर सिंह ने कहा कि घाटा बढ़ने में सबसे बड़ा असर कोरोना का रहा है, क्योंकि अप्रैल से पहले तक राजस्थान रोडवेज लिए अच्छी कमाई कर रहा था, लेकिन कोरोना काल में आमजन पब्लिक ट्रांसपोर्ट में सफर करने से डर रहा है. ऐसे में राजस्थान रोडवेज का घाटा भी बढ़ता गया. अभी कोरोना के चलते रोडवेज की कम बसें संचालित हो रही हैं. ऐसे में अब राजस्थान रोडवेज के पास जितनी भी बसे हैं और अनुबंधित जो भी बसे हैं, अब उनका पूर्ण रूप से उपयोग किया जाएगा. जिससे राज्य सरकार के ऊपर राजस्थान रोडवेज की निर्भरता कम हो सके.

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